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Hindi News भारत राष्ट्रीय पंजाब में एक भी नया मंदिर नहीं, लेकिन सैंकड़ों चर्च बने, RSS के खिलाफ SGPC का दावा झूठा: BJP

पंजाब में एक भी नया मंदिर नहीं, लेकिन सैंकड़ों चर्च बने, RSS के खिलाफ SGPC का दावा झूठा: BJP

भारत में सिखों की सर्वोच्च चुनी हुई संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ पास किए प्रस्ताव पर भारतीय जनता पार्टी ने एतराज जताया है।

SGPC, SGPC Hindu Rashtra, SGPC Sikhs converting Christianity, SGPC RP Singh, Punjab Church- India TV Hindi Image Source : TWITTER/RPSINGHKHALSA BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह ने कहा कि SGPC पंजाब में सिखों का धर्मांतरण रोकने में फेल साबित हुई है।

नई दिल्ली: भारत में सिखों की सर्वोच्च चुनी हुई संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ पास किए प्रस्ताव पर भारतीय जनता पार्टी ने एतराज जताया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह ने इसे कमेटी की चुनावी राजनीति से जोड़ते हुए हमला बोला है। उन्होंने कहा, ‘सच तो यह है कि SGPC पंजाब में सिखों का धर्मांतरण रोकने में फेल साबित हुई है। पंजाब में सिख परिवारों के ईसाई बनने के सैंकड़ों-हजारों मामले हैं, लेकिन एक भी सिख के हिंदू बनने का कोई उदाहरण नहीं है। राजनीतिक मकसद से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी RSS के खिलाफ प्रस्ताव पास किया है।’

‘पंजाब में 10 साल में एक भी नया मंदिर नहीं बना’
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह ने कहा, ‘SGPCने कहा कि RSS देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रहा है। मैं SGPCके पदाधिकारियों से पूछता हूं कि वे बता दें कि पिछले 10 साल में पंजाब में कितने मंदिर बनें और कितने चर्च? सच तो यह है कि पंजाब में 10 साल में एक भी नया मंदिर नहीं बना, लेकिन सैंकड़ों-हजारों चर्चें बन गईं। इससे SGPC का दावा सरासर झूठा निकलता है।’ दरअसल, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बीते दिनों जनरल हाउस मीटिंग में पास किए प्रस्ताव में RSS की तुलना मुगलों की गतिविधियों से की थी। SGPC ने अपने प्रस्ताव में RSS पर देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिशों के तहत दूसरे धर्मों में दखलंदाजी और अल्पसंख्यकों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया था।


‘गुरुदासपुर में 7.98 प्रतिशत सिख ईसाई बन गए’
प्रस्ताव में कहा गया था कि 17वीं सदी में इस तरह के प्रयास मुगलों ने किए थे और उन्हें रोकने के लिए सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी ने बलिदान दिया था। सरदार आरपी सिंह ने कहा, ‘गुरुदासपुर में 7.98 प्रतिशत सिख आज ईसाई बन गए, जालंधर में भी दो प्रतिशत सिख ईसाई बन चुके हैं। कभी गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने इस धर्मांतरण को रोकने की कोशिश नहीं की। पंजाब में ईसाइयों की बढ़ती संख्या के कारण आज पंजाब की सरकार भी तुष्टीकरण के लिए मजबूर हो गई है। SGPC से जुड़े पदाधिकारी भी ईसाइयों के कार्यक्रम में जाते रहे हैं। मुझे लगता है कि SGPC का इस साल चुनाव है, ऐसे में कमेटी RSS के खिलाफ भड़ास निकालकर अपना उल्लू सीधा करना चाहती है।’

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