कोच्चि: भारत में कोविड-19 के मामले 97.35 लाख के पार चले गए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 के 32,080 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 97,35,850 हो गए। वहीं देश में एक ऐसा क्षेत्र भी है जहां कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया है। हम बात कर रहे हैं केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप। लक्षद्वीप में जनजीवन बिलकुल सामान्य नजर आता है। न मास्क, न सेनेटाइजर और कोविड-19 की कई अन्य पाबंदियों का भी यहां कोई चक्कर नहीं दिखता। शादी-ब्याह से लेकर लोगों का मिलना-जुलना समेत सभी गतिविधियां बदस्तूर जारी हैं।
यह सबकुछ आसानी से हो रहा है क्योंकि अरब सागर में स्थित इस द्वीप पर लोगों के आसानी से प्रवेश को रोकने के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का बेहद सख्ती से पालन किया जाता है। लोकसभा में लक्षद्वीप का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद पी पी मोहम्मद फैजल के मुताबिक, इस साल के शुरू में ही लक्षद्वीप ने कोविड-19 महामारी को रोक दिया था और आठ दिसंबर तक यहां एक भी मामला सामने नहीं आया था।
फैजल ने बताया, “हमारे द्वारा उठाए गए अनुकरणीय ऐहतियाती उपायों की वजह से अब तक लक्षद्वीप से कोरोना वायरस संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।” कड़े उपायों के साथ ही 36 वर्ग किलोमीटर के इस द्वीप पर प्रवेश मिल सकता है। वह चाहे आम आदमी हो, अधिकारी या जनप्रतिनिधि- उन्हें कोच्चि में सात दिन के पृथकवास समेत अनिवार्य ऐहतियाती उपायों को अपनाना ही होगा।
कोच्चि ही एक मात्र बिंदु है जहां से पानी के जहाज या हेलीकॉप्टर के जरिये द्वीप तक परिवहन की इजाजत है। फैजल ने कहा कि द्वीप पर लोगों के लिये कोविड-19 संबंधी कोई पाबंदियां लागू नहीं हैं। उन्होंने कहा, “न मास्क, न सेनेटाइजर क्योंकि यह एक हरित क्षेत्र है। लक्षद्वीप एक मात्र जगह है जहां विद्यालय खुले हैं और कक्षाएं चल रही हैं। प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने 21 सितंबर से स्कूलों को खोलने की इजाजत दे दी थी।”
सांसद ने कहा, “यह सामान्य है। धार्मिक और विवाह संबंधी सभी आयोजन सामान्य रूप से हो रहे हैं। यहां सब कुछ सामान्य है।” देश का सबसे छोटा केंद्र शासित क्षेत्र लक्षद्वीप 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले 36 द्वीपों का एक द्वीपसमूह है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां की आबादी 64,000 थी।
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