श्रीनगर। कश्मीर घाटी में बाजारों के नहीं खुलने और सड़कों से सार्वजनिक वाहनों के नदारद रहने के साथ ही बृहस्पतिवार को लगातार 25 वें दिन भी सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों के अनुसार हालांकि शहर के कई भागों में कुछ निजी गाड़ियां दौड़ती नजर आयीं और कुछ रेहड़ी पटरी वाले भी अपना काम-धंधा करते दिखाई दिये।
अधिकारियों के मुताबिक सरकारी कार्यालय खुले रहे लेकिन सार्वजनिक वाहनों की कमी के चलते उनमें से कई में उपस्थिति कम रही जबकि जिला मुख्यालयों में हाजिरी सामान्य रही। वैसे तो घाटी के कई हिस्सों में लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं बहाल कर दी गयी हैं लेकिन मोबाइल टेलीफोन सेवाएं और सभी इंटरनेट सेवाएं अब भी बंद है।
केंद्र द्वारा पांच सितंबर को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद राज्य में कई तरह की प्रशासनिक पाबंदियां लगायी गयी थीं। ज्यादातर शीर्ष और दूसरी पीढ़ी के अलगाववादी नेताओं को एहतियान हिरासत में ले लिया गया है और तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों-- फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्य धारा के नेताओं को या तो हिरासत में लिया गया है या उन्हें नजरबंद कर दिया गया है।
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