नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने कहा है कि निर्धारित मानदंडों से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर और दंडनीय अपराध है। इसके साथ ही अधिकरण ने पुलिस से कहा है कि वह ऐसे स्थानों की पहचान करे जहां ज्यादा प्रदूषण हो रहा है और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए एक निगरानी प्रणाली स्थापित करे।
निकाय के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि योजना का कार्यान्वयन करने वाले अधिकारियों की निगरानी की जाए। पीठ ने एक महीने के अंदर रिपोर्ट ईमेल करने को भी कहा है। पीठ ने कहा कि नागरिकों को शांतिपूर्ण पर्यावरण का संवैधानिक अधिकार है।
पीठ ने इससे आगे कहा कि निर्धारित मानदंडों से अधिक ध्वनि प्रदूषण गंभीर दंडनीय अपराध है। इसके लिए पर्याप्त एहतियाती और सुधारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है। NGT की यह टिप्पणी एक याचिका की सुनवाई के दौरान आई, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पूर्वी दिल्ली में मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के अवैध उपयोग से उनके आसपास के इलाकों में रहने वाले निवासियों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।
पीठ गैर-सरकारी संगठन अखंड भारत मोर्चा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कुछ मस्जिदों की गतिविधियां पर्यावरण (संरक्षण) कानून, 1986 और ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 का उल्लंघन कर रही हैं।
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