नई दिल्ली: ये जरूरी है कि नियमों का पालन होना चाहिए और थोड़ी सख़्ती भी बरतनी चाहिए लेकिन ऐसी सख्ती नहीं कि किसी की जान पर बन आए। दिल्ली से सटे नोएडा में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको हिला कर रख दिया है। सरकार ने सोचा था कि ट्रैफिक का सख्त नियम लोगों को सड़कों पर चलने का सलीका सिखाएगा लेकिन नोएडा में इस नियम ने एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जान ले ली।
चालान काटने के नाम पर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की गाड़ी पर एक सिपाही ने ऐसी लाठियां बरसाई कि दहशत के मारे गौरव नाम के इस शख्स की सांसें ही रुक गईं। शनिवार को नोएडा के सेक्टर 62 में गाड़ियों को रोका जा रहा था। सेक्टर 52 के रहने वाले 34 साल के गौरव अपने पिता के साथ गाजियाबाद जा रहे थे।
रास्ते में कुछ पुलिस वाले अचानक से बोनट पर डंडा मारकर गाड़ी को रोकने लगे। गौरव के पिता मूलचंद शर्मा बताते हैं कि पुलिसवाले ऐसे डंडा मार रहे थे कि जैसे गाड़ी में कोई अपराधी बैठा हो। गौरव डर गया और गाड़ी से बाहर निकलते ही बेसुध होकर गिर गया।
नोएडा सेक्टर 58 से पुलिस वाले आए थे पता करने की मामला क्या है लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ। पांच साल की बेटी के पिता गौरव गुरुग्राम में एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर थे। गाड़ी में सारे कागजात थे लेकिन सिपाही के खौफ ने गौरव को डरा कर रख दिया था।
चालान मंत्रियों का भी काटा जा रहा है, वीके सिंह का चालान कटा है। सख्त ट्रैफिक नियम को लाने वाले ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी खुद बता रहे हैं कि उनकी कार का भी चालान कब और कैसे कटा लेकिन सवाल है कि क्या वैसे जैसे नोएडा पुलिस काट रही है।
ये अच्छी बात है, अब नेता हो या अभिनेता, पत्रकार हो या वकील सबका चालान कट रहा है और कटेगा भी लेकिन नोएडा में गाड़ी को जिस तरह से रोकने का इल्जाम पुलिसवालों पर लगा है, क्या उसकी कोई जांच होगी?
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