नोएडा अथॉरिटी ने 20 हजार फ्लैट बायर्स को दी बड़ी राहत, अपार्टमेंटों की हो सकेगी रजिस्ट्री
नोएडा अथॉरिटी करीब 20 हजार बायर्स को राहत देते हुए बकाया राशि की 10 प्रतिशत जमा कराने के बाद बिल्डरों को आधे प्रोजेक्ट का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी करेगा।
नोएडा: नोएडा अथॉरिटी करीब 20 हजार बायर्स को राहत देते हुए बकाया राशि की 10 प्रतिशत जमा कराने के बाद बिल्डरों को आधे प्रोजेक्ट का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी करेगा। यह बात नोएडा अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमित मोहन प्रसाद ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। उन्होंने बताया कि जो प्रोजेक्ट पूरी तरह से तैयार हैं व बिल्डर ने सभी विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया है तथा उसके ऊपर अथॉरिटी का बकाया है जिसकी वजह से उसके प्रोजेक्ट का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी नहीं हो रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण ने एक सितंबर से 30 नवंबर तक एक स्कीम जारी किया है।
जिसके तहत बिल्डर अपने पूर्ण बकाया के 10 प्रतिशत प्राधिकरण में जमा कराकर अपने आधे प्रोजेक्ट का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि आधे प्रोजेक्ट में जितने फ्लैट होंगे उनके ऊपर बकाया राशि का 65 प्रतिशत पैसे को डिवाइड कर प्रति फ्लैट बिल्डर से वसूला जायेगा। अगर बिल्डर 10 फ्लैट की रजिस्ट्री कराने आता है तो उसे बकाया राशि के अनुसार 10 फ्लैट पर अथॉरिटी की जितनी रकम बनती है उतना जमा कराना पड़ेगा। उसके बाद 10 फ्लैटों की रजिस्ट्री कर दी जायेगी। उन्होंने उदाहरण के तौर पर बताया कि अगर एक प्रोजेक्ट में 10 टावर है और बिल्डर पर सौ करोड़ बकाया है तो वह 10 प्रतिशत के हिसाब से प्राधिकरण में 10 करोड़ रूपए जमा करायेगा उसके बाद उसे टावर के क्रम में एक से पांच तक की एनओसी दे दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि इन पांच टावरों में अगर 400 फ्लैट है तो वर्तमान में वसूले जाने वाली 65 प्रतिशत धनराशि अर्थात 65 करोड़ को 400 फ्लैटों पर समान रूप से बांट दिया जायेगा। इस प्रकार प्रति फ्लैट देय राशि 16 लाख 25 हजार रूपए हो जायेगी। उन्होंने कहा कि अगर बिल्डर 10 फ्लैट की रजिस्ट्री कराना चाहता है तो वह एक करोड़ 60 लाख रूपया जमा कराकर फ्लैट की रजिस्ट्री करा सकता है।
सीईओ ने बताया कि जिन बायर्स ने बिल्डर को पूरा पैसा दे दिया है उनसे बिल्डर अतिरिक्त धनराशि नहीं वसूल सकता। बकाया राशि बिल्डर को ही देनी होगी। सीईओ ने बताया कि अथॉरिटी के इस कदम के चलते करीब 20 हजार फ्लैट खरीददारों को राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि नोएडा में 39 प्रोजेक्ट ऐसे हैं जो पूर्ण रूप से बनकर तैयार हैं उनके ऊपर अथॉरिटी का बकाया है। जिसकी वजह से अथॉरिटी का लेखा विभाग उन्हें एनओसी जारी नहीं कर रहा है।
आज के निर्णय के बाद 39 प्रोजेक्टों के ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट मिलने के रास्ते खुल जायेंगे। उन्होंने बताया कि 39 प्रोजेक्टों में से 16 प्रोजेक्टों में कमी पाये जाने की वजह से उनके ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के आवेदन को खारिज कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि अगर इन प्रोजेक्टों के बिल्डर अपनी कमियों का सुधार करके अथॉरिटी में दोबारा से आवेदन करते हैं तो उन्हें भी इस स्कीम में राहत दी जायेगी।