नयी दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्कूली किताबों से रवींद्रनाथ टैगोर की रचनाओं और उनके संदर्भ को हटाने की सरकार की कोई योजना नहीं है। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ ब्रायन की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में जावड़ेकर ने कहा कि सरकार टैगोर और उन सभी का सम्मान करती है जिन्होंने देश की आजादी और साहित्य के लिए योगदान दिया। उन्होंने कहा, 'हम हर किसी की सराहना करते हैं और कुछ नहीं हटाया जाएगा।'
जावड़ेकर ने कहा कि एनसीईआरटी की पुस्तकों, शिक्षकों और अन्य से कहा गया है कि वे पाठ्य-पुस्तकों में किसी भी तथ्यात्मक त्रुटि को हटाने या सुधारने के सुझाव दें। ओ ब्रायन ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सुझाव मांगे थे और आरएसएस के अनुषांगिक संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का एक सुझाव था कि पाठ्यक्रम से टैगोर की रचनाओं और संदर्भों को हटा दिया जाए।
तृणमूल सांसद ने कहा, रवींद्रनाथ टैगोर को किसी से प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। मंत्री के बयान के बाद ओ ब्रायन टैगोर पर आधारित तीन पुस्तकें भेंट करने के लिए जावड़ेकर के पास गए। सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि न्यास ने पाठ्य पुस्तकों से उर्दू शब्दों और मिर्जा गालिब को हटाने का भी सुझाव दिया है। जावड़ेकर ने कहा कि 7000 सुझाव आए हैं और हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे कुछ समस्या खड़ी हो। शून्य काल के दौरान भाकपा के डी राजा ने शिक्षा क्षेत्र के प्रति सरकार की उदासीनता के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में कॉलेज एवं विविद्यालयों के हजारों के शिक्षकों के प्रदर्शन का मुद्दा उठाया।
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