नई दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में बुधवार को आधार कानून में बदलाव को मंजूरी दे दी गई है। इस बदलाव के तहत अब किसी भी व्यक्ति के आधार कार्ड की कॉपी या नंबर मांग नहीं की जा सकती जबतक कानूनी तौर पर यह जरूरी न हो। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया है।
कैबिनेट के इस फैसले के बाद आधार प्राधिकरण (UIDAI) को आधार डाटा सुरक्षित करने और उसके गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए ज्यादा मजबूत ढांचा मिलेगा। इस नियम के बाद अब किसी भी व्यक्ति को अपनी पहचान बताने के लिए आधार नंबर या आधार कार्ड देने की जरूरत नहीं है, बशर्ते कानूनी तौर पर यह जरूरी न हो।
आम जनता की सहूलियत को देखते हुए बैंक खाता खोलने के लिए आधार नंबर या आधार कार्ड की कॉपी को स्वैच्छिक कर दिया गया है। निजी कंपनियों द्वारा आधार के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
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