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Hindi News भारत राष्ट्रीय मौलाना अरशद मदनी ने कहा, अयोध्या मामले में कोई समझौता स्वीकार नहीं होगा

मौलाना अरशद मदनी ने कहा, अयोध्या मामले में कोई समझौता स्वीकार नहीं होगा

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने शनिवार को कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में कोई समझौता स्वीकार नहीं होगा।

No agreement will be accepted in Ayodhya case, says Maulana Arshad Madni- India TV Hindi मौलाना अरशद मदनी ने कहा, अयोध्या मामले में कोई समझौता स्वीकार नहीं होगा | PTI File

नई दिल्ली: जाने-माने मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने शनिवार को कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में कोई समझौता स्वीकार नहीं होगा। मदनी ने उम्मीद जतायी कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबूत पर आधारित होगा न कि विश्वास पर। जमीयत की केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक में मदनी ने यह भी दावा किया कि ‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक के लोग डरे हुए हैं’ और मौजूदा हालात के कारण उनमें ‘अविश्वास’ की भावना है।

‘हम अदालत के फैसले को मानेंगे’
मदनी ने जमीयत के एक बयान के हवाले से कहा कि संवैधानिक परंपराओं को खत्म करने की कोशिश हो रही है ताकि नया इतिहास लिखा जा सके। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले का जिक्र करते हुए मदनी ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद को पूरा भरोसा है कि न्यायपालिका का फैसला साक्ष्य और गवाहों पर आधारित होगा न कि विश्वास पर। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले पर किसी भी तरह का समझौता उन्हें स्वीकार नहीं होगा और वह अदालत के फैसले को मानेंगे।

‘वक्फ बोर्ड चीफ जमीन के मालिक नहीं’
सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा समझौते के तौर पर मामले में अपना दावा वापस लेने की खबरों पर उन्होंने कहा, ‘वक्फ बोर्ड के प्रमुख जमीन के मालिक नहीं हैं बल्कि संरक्षक हैं। हम इस मामले में कोई समझौता स्वीकार नहीं करेंगे। अदालत जो भी फैसला करेगी, हम स्वीकार करेंगे।’ आपको बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते बुधवार को मामले में 40 दिनों की गहन सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अपनी रिटायरमेंट की तारीख 17 नवंबर से पहले इस मामले में फैसला सुना देंगे।

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