राष्ट्रपति चुनाव: नीतीश कुमार ने रामनाथ कोविंद को जीत की बधाई दी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने पर रामनाथ कोविंद को बधाई दी है। चुनाव में जीत की घोषणा के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोविंद को जीत की बधाई दी।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने पर रामनाथ कोविंद को बधाई दी है। चुनाव में जीत की घोषणा के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोविंद को जीत की बधाई दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामनाथ कोविंद को भारत के राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।" देश के राष्ट्रपति जैसे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर निर्वाचित होने से पहले कोविंद बिहार के राज्यपाल का दायित्व संभाल चुके हैं।
राजग की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में कोविंद के नाम की घोषणा के बाद नीतीश कुमार विपक्ष के पहले नेता थे, जिन्होंने कोविंद का सार्वजनिक तौर पर समर्थन करते हुए कहा था कि बिहार में इनके किए गए कामों को देखते हुए राष्ट्रपति चुनाव में JD(U) कोविंद का समर्थन करेगी। दो दिन बाद विपक्ष ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और 'बिहार की बेटी' मीरा कुमार को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसके बाद बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने नीतीश के इस फैसले को 'ऐतिहासिक भूल' बताते हुए इस निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए बिहार की बेटी का समर्थन करने की अपील की थी। लेकिन नीतीश ने स्पष्ट कह दिया कि वह अपना फैसला नहीं बदलेंगे।
नीतीश ने कहा था, "विपक्ष ने बिहार की बेटी को हराने के लिए राष्ट्रपति चुनाव में उतारा है, जबकि उनकी जीत के लिए लोगों को सोचना चाहिए।" जद (यू) अध्यक्ष ने यह बात संख्याबल कोविंद के पक्ष में देखते हुए कही थी। विपक्ष को भी पता था कि संख्याबल कोविंद के पक्ष में है, फिर भी लोकतांत्रिक मूल्यों की खातिर मुकाबले के लिए मीरा कुमार को सामने लाया गया। विपक्ष राष्ट्रपति चुनाव में एकजुटता दिखाना चाहता था, लेकिन नीतीश के कारण यह संभव नहीं हो सका।
कोविंद की जीत से बिहार में विपक्ष की भूमिका निभा रही भाजपा सहित राजग में शामिल अन्य दलों भी अपार खुशी है। उन्हें इस बात की खुशी है कि कोविंद के राष्ट्रपति बनने से भारत को 'हिंदूराष्ट्र' घोषित करवाने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्य एजेंडे को आगे बढ़ाने में केंद्र की मोदी सरकार को अब और आसानी होगी।