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Hindi News भारत राष्ट्रीय छत्तीसगढ़ में नितिन गडकरी ने कहा, 50 रुपये में डीजल और 55 रुपये में मिलेगा पेट्रोल

छत्तीसगढ़ में नितिन गडकरी ने कहा, 50 रुपये में डीजल और 55 रुपये में मिलेगा पेट्रोल

गडकरी ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के चरौदा नगर में कार्यक्रम के दौरान कहा कि नागपुर में लगभग एक हजार ट्रेक्टर जैव ईंधन से चल रहे हैं। आज आवश्यकता जैव ईंधन के क्षेत्र में अनुसंधान करने की है।

छत्तीसगढ़ में नितिन गडकरी ने कहा, 50 रुपये में डीजल और 55 रुपये में मिलेगा पेट्रोल- India TV Hindi छत्तीसगढ़ में नितिन गडकरी ने कहा, 50 रुपये में डीजल और 55 रुपये में मिलेगा पेट्रोल

रायपुर: पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों को लेकर कांग्रेस नीत विपक्ष के आह्वान पर आयोजित ‘भारत बंद’ के दौरान केंद्रीय पीडब्ल्यूडी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि डीजल 50 रुपये में और पेट्रोल मात्र 55 रुपये में मिल सकेगा क्योंकि पेट्रोलियम मंत्रालय इथेनॉल फैक्ट्री लगा रहा है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय इथेनॉल बनाने के लिए देश में पांच प्लांट लगा रहा है। लकड़ी की चीजों और कचरे से इथेनॉल बनाया जाएगा जिससे डीजल मात्र 50 रुपये में और पेट्रोल 55 रुपये में मिल सकेगा।

गडकरी ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के चरौदा नगर में कार्यक्रम के दौरान कहा कि नागपुर में लगभग एक हजार ट्रेक्टर जैव ईंधन से चल रहे हैं। आज आवश्यकता जैव ईंधन के क्षेत्र में अनुसंधान करने की है। उन्होंने कहा कि हमने अभी पेट्रोल में एथनॉल मिलाकर वाहन चलाने का सफल प्रयोग किया है, इसे और अधिक बढ़ावा दिया जाएगा।

गडकरी ने कहा कि हम आठ लाख करोड़ रुपये के पेट्रोल और डीज़ल आयात कर रहे हैं और इसकी कीमतें बढ़ रही हैं। रुपया डॉलर के मुकाबले गिर रहा है। मैं पिछले 15 सालों से कह रहा हूं कि देश के किसान, आदिवासी और वनवासी एथनॉल, मेथनॉल, जैव ईंधन का उत्पादन कर सकते हैं और विमान उड़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि देश में पेट्रोलियम मंत्रालय पांच एथनॉल संयंत्र स्थापित कर रहा है, जहां एथनॉल का उत्पादन धान के भूसे, गेहूं के भूसे, बांस और गन्ना से किया जाएगा

इस अवसर पर गडकरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ पूरे देश के लिए जैव ईंधन का बड़ा केन्द्र बन सकता है। गडकरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र में वृद्धि दर बहुत अच्छी है। यहां चावल, गेहूं, दालें और गन्ना का उत्पादन प्रचुर मात्रा में है, लेकिन राज्य जैव ईंधन के रूप में भी आगे बढ़ सकता है। छत्तीसगढ़ में उत्पादित जेट्रोफा जैव ईंधन का इस्तेमाल पहली जैव ईंधन वाली उड़ान में किया गया, यह विमान देहरादून से दिल्ली पहुंचा।

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