नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने इस्तीफा दिया, उन्होंने कहा कि पठन-पाठन के क्षेत्र में लौटेंगे, 31 अगस्त कार्यालय में अंतिम दिन होगा। इस बारे में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्हें 31 अगस्त से सेवाओं से मुक्त करने का आग्रह किया है।
पनगढ़िया ने कहा है कि कोलंबिया विविद्यालय उनके अवकाश को बढ़ाने को तैयार नहीं है। इस वजह से वह नीति आयोग की जिम्मेदारी नहीं संभाल सकते। भारतीय अमेरिकी मूल के अर्थशास्त्री और कोलंबिया विविद्यालय में भारतीय राजनीतिक अर्थशास्त्र के प्रोफेसर पनगढ़िया नीति आयोग के जनवरी, 2015 में पहले उपाध्यक्ष बने थे। उस समय योजना आयोग का समाप्त कर नीति आयोग बनाया गया था।
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री पनगढ़िया आर्थिक उदारीकरण के पैरोकार माने जाते रहे हैं।
आपको बता दें कि मोदी सरकार के 3 साल में नीति आयोग का एक अहम रोल रहा है। अभी तक अपने कार्यकाल में मोदी सरकार द्वारा बदलाव की इस मुहिम का दारोमदार नीति आयोग को दिया गया जिसे सरकार ने योजना आयोग की जगह लेने के लिए स्थापित किया।
इस नीति आयोग को नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांस्फॉर्मिंग इंडिया (NITI) नाम देते हुए केन्द्रीय कैबिनेट ने 1 जनवरी 2015 को स्थापित किया था।
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