निर्भया के पिता की सुपीम कोर्ट से अपील, तय की जाए दोषियों के याचिका दायर करने की सीमा
निर्भया के पिता ने उच्चतम न्यायालय से एक दोषी द्वारा दायर की जाने वाली याचिकाओं की संख्या को सीमित करने को लेकर दिशा-निर्देश तैयार करने की सोमवार को अपील की ताकि महिलाओं को समयबद्ध तरीके से न्याय मिल सके।
नई दिल्ली: निर्भया के पिता ने उच्चतम न्यायालय से एक दोषी द्वारा दायर की जाने वाली याचिकाओं की संख्या को सीमित करने को लेकर दिशा-निर्देश तैयार करने की सोमवार को अपील की ताकि महिलाओं को समयबद्ध तरीके से न्याय मिल सके। उन्होंने दावा किया कि 2012 सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के चारों दोषी याचिकाएं दायर कर सजा में देरी करने की चाल चल रहे हैं। निर्भया की मां ने भी कहा कि दोषी “अदालत का समय” बर्बाद कर रहे हैं।
SC ने की दोषी पवन गुप्ता की याचिका खारिज
निर्भया के माता-पिता की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब उच्चतम न्यायालय ने निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले चार में से एक दोषी पवन गुप्ता की याचिका सोमवार को खारिज कर दी। इस याचिका में उसने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी, जिसने अपराध के वक्त उसके नाबालिग होने के दावे को खारिज कर दिया था।
कोई याचिका अदालत में आती है तो...: निर्भया के पिता
निर्भया के पिता ने कहा, “यह खुशी की बात है कि अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी। लेकिन जब भी हमारे मामले से जुड़ी कोई याचिका अदालत में आती है, हमारी धड़कनें तेज हो जाती हैं। अंत में हमें सुखद समाचार ही मिलता है।” चारों दोषियों पर याचिका दायर कर ‘सजा में देरी’ के लिए चाल चलने का आरोप लगाते हुए उन्होंने शीर्ष अदालत से दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा ताकि पीड़िताओं को समय से न्याय मिल सके।
'याचिकाएं दायर करने के लिए समय सीमा निर्धारित हो'
उन्होंने कहा, “निचली अदालत, दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने तीन बार मामले को सुना है। उच्चतम न्यायालय को कुछ विशेष शक्तियों का इस्तेमाल कर याचिकाएं दायर करने के लिए कुछ समयसीमा निर्धारित करने को कहा। “यह सिर्फ निर्भया के नहीं बल्कि हमारी अन्य बेटियों के लिए भी है। हम उससे दिशा-निर्देश तैयार करने का अनुरोध करते हैं ताकि निर्भया और अन्य बेटियों को समय रहते न्याय मिल सके।”
चारों दोषियों को होगी फांसी
मामले के चारों दोषियों - विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को मौत की सजा सुनाई गई थी और दिल्ली की एक अदालत ने इस महीने की शुरुआत में उन्हें 22 जनवरी को फांसी देने के लिए मृत्यु वारंट जारी किया था। हालांकि इनमें से एक द्वारा राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर करने के बाद इन सभी की फांसी टल गई थी। शुक्रवार को चारों दोषियों की मौत की सजा पर एक फरवरी को अमल करने के लिये नये सिरे से आवश्यक वारंट जारी किये गए थे।
फांसी होकर रहेगी, निर्भया की मां को उम्मीद
दूसरी बार मृत्यु वारंट जारी करने के बाद पवन गुप्ता ने याचिका दायर की कि वह अपराध के वक्त नाबालिग था। निर्भया की मां ने उम्मीद जताई कि दोषियों को फांसी की सजा होगी। उन्होंने कहा, ‘‘वे अदालत का समय बर्बाद कर रहे हैं और कानून के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। वे सजा में देर करने की चाल चल रहे हैं। उन्हें फांसी होनी चाहिए।”
16-17 दिसंबर, 2012 की दर्दनाक रात
बता दें कि निर्भया के साथ 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में दक्षिण दिल्ली में चलती बस में छह व्यक्तियों ने सामूहिक बलात्कार किया और इसके बाद उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गयी थी।