A
Hindi News भारत राष्ट्रीय निर्भया के दोषी पवन की याचिका राष्ट्रपति के पास खारिज, चारों दोषियों की दया याचिका का विकल्प खत्म

निर्भया के दोषी पवन की याचिका राष्ट्रपति के पास खारिज, चारों दोषियों की दया याचिका का विकल्प खत्म

चारों दोषियों के पास अब फांसी से बचने के विकल्प लगभग खत्म हो चुके हैं, अब कोर्ट नए सिरे से चारों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करेगा जिसके बाद निर्भया के चारों दोषियों को फांसी होगी। 

<p>Nirbhaya convict Pawan's mercy plea rejected by...- India TV Hindi Image Source : Nirbhaya convict Pawan's mercy plea rejected by President Kovind

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया के दोषी पवन की दया याचिका को खारिज कर दिया है। दया याचिका खारिज होने के बाद पवन के पास अब फांसी से बचने के लिए बचे हुए विकल्पों का इस्तेमाल करने के लिए सिर्फ 14 दिन का समय है। अगर 14 दिन में पवन अपने बचे हुए विकल्पों का इस्तेमाल नहीं करता है तो नियमों के मुताबिक उसको फांसी पर चढ़ाया जा सकता है। 

पवन की दया याचिका खारिज होने के बाद अब निर्भया के सभी चारों दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास से खारिज हो चुकी है। राष्ट्रपति के पास अब निर्भया के चारों दोषियों में से किसी की भी दया याचिका लंबित नहीं बची है। यानि चारों दोषी अब राष्ट्रपति के पास फिर से दया याचिका लेकर नहीं जा सकते। हालांकि वे सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रपति से अपनी दया याचिका खारिज होने को लेकर गुहार लगा सकते हैं। 

चारों दोषियों के पास अब फांसी से बचने के विकल्प लगभग खत्म हो चुके हैं, अब कोर्ट नए सिरे से चारों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करेगा जिसके बाद निर्भया के चारों दोषियों को फांसी होगी। पवन (25) ने उच्चतम न्यायालय द्वारा उसकी सुधारात्मक याचिका खारिज किये जाने के थोड़ी देर बाद ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की थी। अदालत ने चारों दोषियों -मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) - को तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी की सजा देने का आदेश दिया था। पवन को छोड़कर तीनों दोषियों ने पिछले हफ्तों में सुधारात्मक याचिका और दया याचिका खारिज की थी जिन्हें सक्षम प्राधिकारों द्वारा खारिज कर दिया गया था। 

अदालत ने चारों को 16 दिसंबर 2012 को दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस में 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी की छात्रा से दुष्कर्म का दोषी पाया था निर्भया की सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 मार्च 2014 को मृत्युदंड के फैसले पर अपनी मुहर लगाई थी। दोषियों ने इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार और सुधारात्मक याचिकाएं दायर की थीं। इन याचिकाओं के खारिज होने पर मृत्युदंड से बचने के लिये दोषियों ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिकाएं दायर की थीं।

Latest India News