क्या था विषय :
आदेश तनेजा ने अपना जो रिसर्च पेपर (शोध-पत्र ) तैयार किया उसमे उत्तराखंड की भौगोलिक विविधता,बदलते मौसम और प्राकृतिक त्रासदियों से बचने के उपायो के साथ ही दुर्गम इलाको में चिकित्सा सुविधा,राज्य के युवाओ की समस्या उनका पलायन और देश के अन्य प्रदेशो से साक्षरता की तुलना करने के साथ ही उनका समाधान भी दिया था। भूगोल में ऐसा अनोखा रिसर्च पेपर अभी तक किसी ने नहीं दिया था।
अब आदेश का 30 पेज का यह रिसर्च UTTARAKHAND: TREASURES AND TEARS नामक पुस्तक में अपनी जगह बना चुका है। आदेश का यह कोई पहला कारनामा नहीं है। इससे पहले वो भाषण प्रतियोगिता,पेंटिंग, डिवेट जैसी प्रतियोगिताओ में पुरूस्कार
बटोर चुका है।
अपने पुत्र की अनोखी प्रतिभा पर आदेश के पापा सुभाष तनेजा और मम्मी श्रीमती गीता तनेजा काफी खुश है। उनका कहना है कि लीक से अलग हट कर आदेश कुछ नया कर रहा है,हमारा आशीर्वाद उसके साथ है।
आदेश तनेजा इससे भी बड़ा कुछ करना चाहता है,उसका सपना है वो IAS बन कर देश की सेवा करे। साथ ही कम उम्र में अपने अनोखे रिसर्च पेपर (शोध-पत्र) को लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की भी वो कोशिश कर रहा है। अपनी इस कामयाबी का श्रेय आदेश अपने मम्मी पापा को देता है। आदेश का होसला और जोश देख कर लगता है कि वो अपने सपनो की उड़ान ज़रूर
उड़ेगा।
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