नई दिल्ली | तीन दिवसीय दौरे पर भारत आई अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवादी समूहों की शरणस्थली बनना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और अमेरिका ने पहले इस्लामाबाद को यह संदेश दे दिया है। उन्होंने यहां एक थिंक टैंक में अपने व्याख्यान में कहा, 'आतंकवादियों को पनाह देने वालों के प्रति हम आंखें नहीं मूंद सकते, पाकिस्तान से कहा जा रहा है कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।' उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक अगुवा होना चाहिए।
चीन का क्षेत्रीय विस्तार चिंता का विषय
निक्की हेली ने कहा, 'हम ऐसा कर सकते हैं तथा हमें अवश्य और प्रयास करना चाहिए।' उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि धर्म की स्वतंत्रता बेहद महत्वपूर्ण है और 'हमारे जैसे देश को सहिष्णुता के जरिए ही एकजुट रखा जा सकता है।' चीन के बारे में उन्होंने कहा कि यह देश महत्वपूर्ण है, लेकिन उसने इस तथ्य पर गौर किया कि क्षेत्र में उसका विस्तार अमेरिका और कई अन्य देशों के लिए चिंता का विषय है क्योंकि बीजिंग लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा नहीं करता है।
अमेरिका एनएसजी में भारत की सदस्यता का करता है समर्थन
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता और स्थिरता सुनिश्चित करने के बारे में सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस दृष्टि में विश्वास करते हैं। हेली ने कहा कि अमेरिका परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का समर्थन करता है, क्योंकि यह ऐसा परमाणु हथियार संपन्न देश है जिसका काफी सम्मान है। वह ऑब्जर्वर रिसर्च फाउन्डेशन (ओआरएफ) के कार्यक्रम में बोल रही थीं।
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