NIA को कैसे लगी ISIS के भारतीय मॉड्यूल की भनक? ये रही पूरी रिपोर्ट
NIA को पुख्ता जानकारी मिली थी कि ISIS से प्ररित होकर कुछ लोगों ने एक आतंकी गैंग तैयार की है और यह गैंग दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भीड़-भाड़ वाली जगहों तथा संवेदनशील जगहों पर आतंकी हमले की तैयारी कर रही है
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को आतंकी संगठन ISIS से प्रभावित कथित भारतीय मॉड्यूल हरकत उल हर्ब ए इस्लाम का भांडा फोड़ा और दिल्ली पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस और उत्तर प्रदेश ATS की मदद से दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 17 जगहों पर छापेमारी की।
NIA को पुख्ता जानकारी मिली थी कि ISIS से प्ररित होकर कुछ लोगों ने एक आतंकी गैंग तैयार की है और यह गैंग दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भीड़-भाड़ वाली जगहों तथा संवेदनशील जगहों पर आतंकी हमले की तैयारी कर रही है। जानकारी मिलने के बाद NIA ने इस मॉड्यूल के कथित मास्टरमाइंड मुफ्ती मोहम्मद सोहेल के खिलाफ मामला दर्ज किया। सोहेल उत्तर प्रदेश में अमरोहा के रहने वाले हाफिज अहमद का बेटा है।
NIA ने जब जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि सोहेल और उसके साथियों ने आईईडी और बम तैयार करने के लिए हथियार और विस्फोटक खरीदने के लिए पैसा मुहैया कराया है, आईईडी और बम का इस्तेमाल दिल्ली और कुछ अन्य जगहों पर फिदाइन हमलों में किया जाना था।
हमले की साजिश को नाकाम करने के लिए NIA ने दिल्ली में जाफराबाद, सीलमपुर में 6 जगहों पर और उत्तर प्रदेश में अमरोहा, लखनऊ, हापुड़ और मेरठ में 11 जगहों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पुलिस को भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक मिले, इनके अलावा 25 किलो विस्फोटक, बम तैयार करने का सामान, 12 पिस्टल, 150 बुलेट, एक देसी रॉकेट लॉन्चर, 112 अलार्म घड़ियां, मोबाइल फोन सर्किट, बैटरियां, 51 पाइप, रिमोट कंट्रोल स्विच, रिमोट स्विच के लिए वायरलेस डिजिटल डोरवेल, स्टील कंटेनर, 91 मोबाइल फोन, 134 सिम कार्ड, 3 लैपटॉप, चाकू, तलवार, ISIS से जुड़ा साहित्य और 7.5 लाख रुपए कैश बरामद हुआ।
NIA ने इस केस में छापेमारी के बाद 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, गिरफ्तार लोगों के बारे में जानकारी इस तरह से है
- मुफ्ती मोहम्मद सोहेल- उम्र 29 वर्ष, अमरोहा के मदरसे में पढ़ाता है, फिलहाल दिल्ली के जाफराबाद में रह रहा था। सोहेल पर आरोप है कि उसने ही टीम के अन्य सदस्यों को IED तैयार करने के लिए हथियार और विस्फोटक इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी थी।
- अनस यूनस- उम्र-24 वर्ष, दिल्ली के जाफराबाद का रहने वाला, नोएडा में स्थित एक विश्वविद्यालय में सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। आरोप है कि अनस को वह साजिश को अंजाम देने के लिए इलेक्ट्रिक सामान, अलार्म घड़ियां और बैटरियां इकट्ठा कर रहा था।
- राशिद जफर- उम्र 24 वर्ष, दिल्ली के जाफराबाद का रहने वाला, कपड़ों का व्यवसायी
- सईद- उम्र 28 वर्ष, उत्तर प्रदेश के अमरोहा का रहने वाला, अमरोहा में वेल्डिंग का काम करता था
- रईस अहमद- सईद का भाई, अमरोहा में दूसरी जगह वेल्डिंग का काम करता था। आरोप है कि सईद और रईस ने बम तैयार करने के लिए 25 किलो विस्फोटक खरीदा हुआ था और दोनो ने मिलकर देसी रॉकेट लॉन्चर तैयार किया था।
- जुबैर मलिक-उम्र 20 वर्ष, दिल्ली के जाफराबाद का रहने वाला, दिल्ली विश्वविद्यालय में बीए तृतीय वर्ष का छात्र
- जैद मलिक- उम्र 22 वर्ष, जुबैर का भाई। आरोप है कि जुबैर और जैद ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड की खरीद की थी, इसके अलावा कनेक्टर और बैटरी की खरीद की थी।
- सादिक इफ्तेकार- उम्र 26 वर्ष, उत्तर प्रदेश के सिंभावली का रहने वाला, जामा मस्जिद में इमाम था और आरोप है कि उसने गैंग के मास्टरमाइंड सोहेल को हथियार खरीदने में मदद की थी।
- मोहम्मद इरशद- अमरोहा का रहने वाला, ऑटो रिक्शा चलाता था। आरोप है कि इसने सोहेल को हथियार छुपाने के ठिकाने उपलब्ध कराने में मदद की
- मोहम्मद आजम- उम्र 35 वर्ष, दिल्ली के दिल्ली के चौहान बाजार का रहने वाला, दिल्ली के सीलमपुर में मेडिकल शॉप चलाता था। आरोप है कि इसने सोहेल को हथियार उपलब्ध कराने में मदद की।
NIA ने इन 10 लोगों के अलावा कई ऐसे लोगों से भी पूछताछ की जिनपर संदेह था। गिरफ्तार लोगों को गुरुवार को दिल्ली की स्पेशल NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा। NIA मामले की आगे की जांच कर रहा है।