नई दिल्ली: गुजरात के बोटाद जिले में एक डॉक्टर ने कथित रूप से नशे में धुत्त होकर एक महिला का प्रसव कराया, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई। मामले में एनएचआरसी ने गुजरात सरकार और राज्य पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि डॉक्टरों से पेशे में उच्च मानक को बनाए रखने की आशा की जाती है लेकिन इस मामले में ऐसा लगता है कि डॉक्टर ने नशे में धुत्त होकर प्रसव कराकर ‘‘असावधानी’’ और ‘‘आपराधिक लापरवाही’’ का काम किया।
बयान में कहा गया, ‘‘एनएचआरसी ने 26 नवंबर को बोटाद जिले में सरकारी सोनावाला अस्पताल में एक डॉक्टर द्वारा कथित रूप से नशे में धुत्त होकर प्रसव कराने संबंधी खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है।’’
मानवाधिकार आयोग ने चार हफ्ते में गुजरात के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर विस्तृत रिपोर्ट देने के साथ ही संबंधित डॉक्टर के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की स्थिति से वाकिफ कराने को कहा है। आयोग ने कहा कि अगर घटना सत्य है, तो यह पीड़ितों के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है।
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