उत्तराखंड: राज्य में पहली बार दो IAS अफसर हुए निलंबित, NH-74 घोटाले में आया इनका नाम !
उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले में एनएच-74 चौड़ीकरण के मुआवज़ा घोटाले में एसआईटी की जांच रिपोर्ट मिलने पर देहरादून में तैनात दो आईएएस अधिकारी डा० पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव को निलंबित कर दिया गया।
देहरादून: उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले में एनएच-74 चौड़ीकरण के मुआवज़ा घोटाले में एसआईटी की जांच रिपोर्ट मिलने पर देहरादून में तैनात दो आईएएस अधिकारी डा० पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव को निलंबित कर दिया गया। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वाकायदा इसकी सूचना प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पत्रकारों को दी। पहली बार हुआ है कि राज्य के दो आईएएस अफसर निलंबित हुए है। राज्य सरकार के इस कड़े फैसले से आज दिनभर हलचल मची रही, मुख्यमंत्री ने साफ़ कर दिया कि स्वच्छ प्रशासन देने के लिये वो किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं करेंगे। इस फैसले के बाद राज्य की आईएएस लॉबी सक्रिय देखी गई। काफी समय से यह कयास लगाए जा रहे थे कि इन दो अफसरों पर एसआईटी की जांच के बाद गाज गिर सकती है। दोनों अफसरों ने ऊधम सिंह नगर जिले में जिलाधिकारी के पद पर अपनी तैनाती के दौरान आर्बिट्रेशन के वादों में गलत फैसले लेकर सरकार को नुक्सान पहुंचाया। (चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में फिर की घुसपैठ, उत्तराखंड के बाराहोती में घुसे ड्रैगन )
अपर मुख्यसचिव राधा रतूड़ी द्वारा निलंबन आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि ''आर्बिट्रेशन वादों में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 एवं राजमार्ग अधिनियम 1956 के प्राविधानों तथा केंद्र/राज्य सरकार की वित्तीय प्रतिक्रियाओ/शासनादेशो /दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर सरकारी भूमि को निजी स्वामित्व की भूमि दर्शाये एवं अवैध कब्जेदारों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही न कर उन्हें लाभार्थी मानते हुए करोडो रूपये का प्रतिकार भुगतान करने के आदेश पारित किए।'' राज्य सरकार द्वारा ऊधम सिंह नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानंद दाते के नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच आख्या मिलने के बाद प्रथम दृष्टया आरोपों की पुष्टि होने के बाद दोनों अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है। एसआईटी ने दोनों अधिकारियों के ब्यान भी लिये थे।
गौरतलब है कि तीन सौ करोड़ रूपये से ज़्यादा इस एनएच-74 चौड़ीकरण मुआवज़ा घोटाले में कई पीसीएस अफसर, कई प्रशासनिक अधिकारी,कर्मचारी और ज़्यादा मुआवज़ा लेने वाले किसान जेल जा चुके है। जांच के दौरान ही आर्बिट्रेशन वादों पर सवाल खड़े हो रहे थे। जिसमे एक मामले में सरकारी भूमि पर भी किसी निजी किसान को मुआवज़ा दे दिया गया था। ऊधम सिंह नगर जिले की चार तहसीलो जसपुर, काशीपुर, बाजपुर और सितारगंज में 2011 से 2016 तक किसानो ने राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से कृषि भूमि को बेक डेट में 143 कराकर अकृषि करा लिया था और मोटा मुआवज़ा वसूल कर इस घोटाले को अंजाम दिया था। इस मामले में एसआईटी 20 लोगो को जेल भेजा चुकी है,जिनमे से पांच तो पीसीएस अफसर है। अब जांच में दो आईएएस अफसर भी लपेटे में आ गये है। शासन द्वारा निलंबित किए गए दोनों ही अधिकारी ऊधम सिंह नगर जिले में जिलाधिकारी के पद पर रहे है।