नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 73 जिलों को चिंता का कारण माना है। इन जिलों में कोरोना की दूसरी लहर में आए उतार के बाद रोजाना 100 से ज्यादा केस दर्ज हो रह हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आने वाले 100-125 दिन काफी अहम रहने वाले हैं। केंद्र ने कहा कि हाल के दिनों में देश में कोरोना के मामले में कमी की दर धीमी हुई है और इसे संभावित तीसरी लहर के आने की चेतावनी के तौर पर लेने की जरूरत है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों को कोरोना-संबंधी नियमों का पालन करने का आग्रह किया है।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा, "कोरोना की तीसरी लहर की बात इसलिए हो रही है क्योंकि अभी हर्ड इम्युनिटी पर नहीं पहुंचे हैं। बड़ी आबादी को संक्रमण का खतरा बरकरार है। हम संक्रमण के रास्ते हर्ड इम्युनिटी तक नहीं पहुंचना चाहते। केस कम होने की रफ्तार धीमी हो गई है। हालात खराब न हो इसलिए कोविड-संबंधी व्यवहार बेहद जरूरी है।" उन्होंने कहा कि सौ-सवा सौ दिन बेहद अहम हैं, इसलिए सबको सतर्क रहना होगा और जिम्मेदारी निभानी होगी।
केंद्र ने कहा कि 15 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने की दर 10 प्रतिशत से अधिक रही। सरकार ने कहा कि 14 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 73 जिलों में प्रतिदिन 100 से अधिक नये मामले सामने आए। सरकार ने कहा कि कोविड-19 के प्रतिदिन के मामलों में धीमी कमी देश के लिए यह चेतावनी है कि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन यदि कोविड से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं किया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है।
डॉ वीके पॉल ने कहा, ‘‘हमारे वैक्सीन प्रभावकारी हैं और बहुत सुरक्षित हैं तथा पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों, गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अवश्य ही इसे लगवाना चाहिए। हालांकि, हम पूरी तरह से वैक्सीन के भरोसे नहीं रह सकते हैं। ’’
सरकार ने कहा कि 15 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 जिलों में कोविड-19 पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई। इनमें मणिपुर, केरल, राजस्थान, मेघालय, मिजोरम, अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, महाराष्ट्र और पुडुचेरी शामिल हैं।
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