नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है और नई शिक्षा नीति में अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किए जाने का फैसला हुआ है। नई शिक्षा नीति के जरिए भारतीय शिक्षा पद्धति में अलग-अलग स्तर पर कुछ बदलाव होंगे जिससे शिक्षा के स्तर को सुधारा जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए प्राइमरी और सेकेंडरी स्तर पर कुछ बड़े बदलाव होने की संभावना है। इसके अलावा हायर एजुकेशन में भी बदलाव की उम्मीद है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं के जरिए शिक्षा पर ज्यादा जोर हो सकता है। इसके अलावा भारतीय भाषाओं में लिखे गए साहित्य को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। स्थानीय भाषाओं की उत्पत्ति और इतिहास भी पाठ्यक्रम का हिस्सा हो सकते हैं, 6ठी कक्षा से लेकर 8वीं कक्षा के बीच यह सब पाठ्यक्रम का हिस्सा हो सकते हैं। संस्कृत भाषा और उसके वैज्ञानिक महत्व को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बोर्ड परीक्षाओं के पैट्रन में भी बदलाव किया जा सकता है, सालाना परीक्षा के बजाए समेस्टर परीक्षाओं पर जोर हो सकता है। इसके अलावा हर स्तर पर इतिहास के पाठ्यक्रम में भी बदलाव होने की संभावना है। आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस शिक्षा नीति को मंजूरी मिलने की संभावना है।
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