नई दिल्ली: वाहन चालान की भारी-भरकम राशि को लेकर भले ही देश भर में कोहराम मचा हुआ है, लेकिन दिल्ली में 'रेड-लाइट' जंप करने वाले बाज नहीं आ रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण है पांच दिन के वे आंकड़े, जिसे दिल्ली पुलिस ने जुटाए हैं। दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा एक सितंबर से पांच सितंबर तक जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, इन पांच दिनों में 20 से 25 हजार के बीच कुल चालान काटे गए। यानी प्रतिदिन चार-पांच हजार चालान। इनमें से सबसे ज्यादा चालान चौराहे पर 'लाल-बत्ती' पार करने वालों के कटे हैं। यह अनुमानित संख्या ढाई हजार से ऊपर बताई जाती है।
इसी तरह शराब पीकर वाहन चलाने के आरोप में इन पांच दिनों में 254 लोगों के चालान कटे। जबकि सबसे ज्यादा चालान जिस मद में काटे गए, वह है बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाने वालों के। ऐसे चालान की संख्या चार हजार से ऊपर है।
इसी तरह करीब 1300 चालकों के चालान बिना सीट-बेल्ट के वाहन चलाने के जुर्म में काटे गए। जबकि खतरनाक तरीके से वाहन चलाने वाले जिन लोगों के चालान काटे गए, उनकी अनुमानित संख्या 1600 के करीब बताई जाती है।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता अनिल मित्तल ने इस बारे में आईएएनएस को बताया, "सरकार कानून बनाती है। पुलिस उसे अमल में लाती है। जहां तक जुर्म से बचने की जिम्मेदारी का सवाल है, तो कुछ हद तक जनता भी इसे निभाए। वाहन स्वामियों को खुद भी सड़क पर अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए सजग होना पड़ेगा, तभी सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "जहां तक पिछले पांच दिनों में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान काटे जाने का सवाल है, तो अभी तक दिल्ली सरकार की ओर से कोई नई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। ऐसे में बेलगाम लोगों को सड़क पर खुलेआम कुछ भी करने की छूट नहीं दे सकते। लिहाजा पुलिस ने यातायात नियमों का पालन न करने वालों का कोर्ट-चालान कर दिया है। चालान का भुगतान अदालत में ही होगा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने मौके पर चालान काटकर जुर्माने की राशि किसी से नहीं ली है।"
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