नई दिल्ली। बॉलीवुड कलाकार नसीरुद्दीन शाह एक बार फिर से अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानव अधिकारों की रक्षा का दावा करने वाली लंदन की गैर सरकारी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल की भारतीय इकाई एमनेस्टी इंडिया द्वारा एक विडियो जारी किया गया है जिसमें नसीरुद्दीन शाह अर्बन नक्सलियों के हक में बातें कर रहे हैं और उन्हें गरीबों के हक का रखवाला बता रहे हैं।
वीडियो में नसीरुद्दीन शाह बोल रहे हैं ‘हमारे मुल्क में जो लोग गरीबों के घरों को, जमीनों को रोजगार को तबाह होने से बचाने की कोशिश करते हैं, जिम्मेदारियों की बात करते हैं, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करते हैं, ये लोग संविधान से मिले हकों की रखवाली की बात कर रहे होते हैं, लेकिन अब हक के लिए आवाज उठाने वाले जेलों में बंद हैं’
नसीरुद्दीन शाह आगे बोल रहे हैं ‘कलाकार, फनकार, शायर सब के काम पर रोक लगाई जा रही है, पत्रकारों को भी खामोश किया जा रहा है, धर्म के नाम पर नफरतों की दीवारें खड़ी की जा रही हैं, मासूमों का कत्ल हो रहा है, पूरे मुल्क में नफरत और जुल्म का बेखौफ नाच जारी है, और इस सबके खिलाफ आवाज उठाने वालों के दफ्तरों पर रेड डालकर, उनके लाइसेंस कैंसिल करके उनके बैंक खाते सीज करके उन्हें खामोश किया जा रहा है ताकि वे सच बोलने से बाज आ जाएं’।
उन्होंने आगे कहा ‘हमारे संविधान की क्या यही मंजिल है? क्या हमने ऐसे ही मुल्क के ख्वाब देखे थे? जहां इख्तिलाब को कोई गुंजाइश नहीं हो, जहां सिर्फ अमीर और ताकतवर की ही आवज सुनी जाए, जहां गरीब और कमजोर को हमेशा कुचला जाए, जहां कानून था उधर अब अंधेरा है’
नसीरुद्दीन शाह के इस वीडियो पर एक बार फिर से अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है, कुछ लोग इस वीडियो का विरोध कर रहे हैं तो कुछ नसीरुद्दीन शाह के समर्थन में भी हैं।
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