बक्सर (बिहार): बिहार के DGP एसके सिंघल ने बक्सर में गंगा नदी से मिली लाशों की संख्या पर बड़ी जानकारी दी। उनके मुताबिक, मंगलवार तक गंगा नदी में 71 शव मिले थे। सभी का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। फिर, मंगलवार शाम को जब गंगा नदी पर जाल लगाया गया तो रात को 2 और बुधवार को 4 शव मिले। इस तरह बक्सर में गंगा नदी से अब तक 77 शव मिल चुके हैं।
बिहार सरकार ने इन डेडबॉडीज को डिस्पोज ऑफ करने का आदेश दिया है। साथ ही यह इंश्योर करने को कहा है कि अब आगे से कोई भी इस तरह शवों को सीधे गंगा में प्रवाहित ना कर सके। इसके बाद से बक्सर में पुलिस और प्रशासन एक्शन में आ गया है। अब गंगा के घाट पर और गंगा नदी में पुलिस और प्रशासन के अफसर बोट लेकर पेट्रोलिंग कर रहे हैं। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है।
अधिकारी यह देख रहे हैं कि कोई भी लाशों को गंगा में ना प्रवाहित करे। बक्सर में महादेव घाट पर गंगा नदी में महाजाल लगा दिया गया है, जिससे अगर कोई लाश बहकर आती भी है तो इसमें फंस जाए। गंगा में मिल रहे शवों को लेकर बिहार सरकार ने यूपी सरकार से भी बात की है। दोनों सरकारें एक्शन में हैं। बिहार के डीजीपी के मुताबिक, अब डेडबॉडीज आने का सिलसिला बहुत कम हो चुका है।
बक्सर में गंगा नदी में जो डेडबॉडीज मिलीं हैं, हो सकता है उनमें से कई उत्तर प्रदेश से बहकर आईं हों। लेकिन, ऐसा भी नहीं है कि सभी शव यूपी से ही आए हों। लोकल लेवल पर भी कुछ लोगों ने शवों को सीधे गंगा नदी में प्रवाहित किया है और इसमें लोगों से ज्यादा गलती प्रशासन की दिख रही है।
श्मशान घाट में काम करने वाले कुछ लोगों के मुताबिक, बक्सर के आस-पास के जिलों में भी कोरोना की वजह से काफी मौतें हो रही हैं लेकिन अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन की तरफ से सही व्यवस्था नहीं की गई थी। कहीं कोरोना से मरने वालों के लिए श्मशान घाट तय नहीं किए गए थे, तो कहीं लकड़ियों की कमी थी।
हालांकि, अब यहां लकड़ियों की व्यवस्था भी कर दी गई है। साथ ही पुलिस और प्रशासन की तरफ से पेट्रोलिंग की जा रही है। पुलिस के कुछ जवानों को यहां तैनात किया गया है, जिसके बाद शवों को गंगा में प्रवाहित करने पर रोक लगी है। लोग डेडबॉडीज का रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
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