नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि धनशोधन के एक मामले में रॉबर्ट वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और एजेंसी को उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत पड़ सकती है। रॉबर्ट वाड्रा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बहनोई हैं। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार से विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि बहुत सारे अवसर दिए जाने के बावजूद वाड्रा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और वह अपने जवाब में टाल-मटोल कर रहे हैं।
ईडी ने वाड्रा की अग्रिम जमानत याचिका पर भी जवाब दाखिल किया। एजेंसी ने वाड्रा की याचिका का विरोध किया और अदालत से इसे खारिज करने की मांग की। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 25 मार्च तय कर दी और सुनवाई की अगली तारीख तक वाड्रा को दी गई गिरफ्तारी से अंतरिम राहत बढ़ा दी।
ईडी ने अदालत से कहा कि जांच अहम चरण में है और वाड्रा संरक्षण को ढाल के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। एजेंसी ने कहा, "अर्जी सभी आरोपियों द्वारा अपनाए गए तौर-तरीकों को जानने के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है और यह न्याय हित में है कि ईडी को गहनतापूर्वक जांच के लिए स्वतंत्र किया जाए।"
ईडी ने कहा कि बहुत से आपत्तिजनक दस्तावेज रिकॉर्ड में मिले हैं, जो आरोपियों की जटिलताओं को दिखाते हैं। ईडी ने कहा कि वह विभिन्न संपत्तियों से लाभ हासिल करने वाले मालिक हैं, जिसकी वर्तमान मामले में जांच चल रही है।
एजेंसी ने कहा कि मामला कालेधन अधिनियम के तहत कमीशन के अपराधों के लेन-देन से जुड़ा हुआ है। यह मामला वाड्रा की 19 लाख पाउंड की विदेशी संपत्ति के स्वामित्व से जुड़ा है। ईडी ने बीते साल सात दिसंबर को वाड्रा की दिल्ली-एनसीआर व बेंगलुरू की संपत्तियों पर छापा मारा था। (इनपुट-आईएएनएस)
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