पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ किया गया पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का अंतिम संस्कार
पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया। सुषमा की बेटी बांसुरी ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान उनकी आंखों में आंसू आ गए।
नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया। सुषमा की बेटी बांसुरी ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान उनकी आंखों में आंसू आ गए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और अन्य वरिष्ठ नेता तथा उनके परिवार के सदस्य, मित्र और बड़ी संख्या में प्रशंसक सुषमा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिये लोधी रोड स्थित शवदाह गृह पहुंचे, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
भारत की सबसे हाई-प्रोफाइल नेताओं में एक और भारतीय कूटनीति में दुर्लभ सहानुभूति एवं मानवीय पहल का समावेश करने वाली सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात यहां एम्स में निधन हो गया था। इससे पूरे देश में शोक की लहर फैल गयी। तिरंगे में लिपटे भाजपा की वरिष्ठ नेता के पार्थिव शरीर को यहां पार्टी मुख्यालय से लोधी रोड शवदाह गृह लाया गया। वहां अंतिम दर्शन के लिए कुछ घंटे तक पार्थिव शरीर रखा गया।
पार्टी मुख्यालय में एक शीशे के बक्से में उनके पार्थिव शरीर को रखा गया था और हजारों लोग उनकी अंतिम झलक पाने के लिए उमड़ पड़े । उनके पार्थिव शरीर को अंतिम यात्रा पर रवाना करने से पूर्व राष्ट्रीय झंडे में लपेट कर रखा गया था। उनके पार्थिव शरीर को ले जा रहा वाहन जैसे ही सड़क पर आगे बढ़ा लोग उनके अंतिम क्षणों को कैमरे में कैद करने लगे।
प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, आडवाणी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, हर्षवर्द्धन, अश्विनी कुमार चौबे, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा, नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी समेत सैंकड़ों लोगों ने अश्रुपूर्ण नेत्रों से उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उनके अंतिम संस्कार में पहुंचे। विद्युत शवदाहगृह में उनके पार्थिव शरीर को पारंपरिक बिगुल की ध्वनि और मंत्रोच्चार के बाद मुखाग्नि दी गयी। प्रधानमंत्री उनके पति स्वराज कौशल एवं बेटी बांसुरी को सांत्वना देते हुए नजर आये। बड़ी संख्या में विभिन्न धर्मों के लोग वहां पहुंचे थे। उनमें से कई तो बिहार और मध्यप्रदेश से सुषमा स्वराज को श्रद्धाजंलि देने आये थे।
निजामुद्दीन से लोगों के समूह के साथ आये जमात उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सुहैब कासमी ने कहा, ‘‘उनका निधन पार्टी और देश के लिए एक बड़ी क्षति है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चाहे सऊदी अरब हो या इराक या यमन, विदेश मंत्री के तौर पर उन्होंने मुश्किल में फंसे लोगों की मदद की। मैं उनके साथ एक बार यमन गया था। उन्होंने विदेश मंत्री के रूप में भारत का कद ऊंचा किया। हम उनके निधन से स्तब्ध हैं।’’
अश्विनी चौबे ने कहा कि स्वराज का निधन पार्टी और देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है, हमारी प्रार्थना उनके परिवार के साथ है। मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘‘वह हर महिला के लिए आदर्श थीं। राजनीति में आने की इच्छुक किसी भी महिला से पूछिए, वह कहेगी कि मैं सुषमा स्वराज जैसा बनना चाहती हूं। उनमें असाधारण वक्तृत्व कौशल था, वह काफी पढ़ी-लिखी थीं और वह बहुत विश्वसनीयता वाली नेता थीं जो विपक्ष से सीधा टकरा सकती थीं।’’
आप विधायक सोमनाथ भारती ने कहा, ‘‘जब मैं आईआईटी के एल्यूमनाई एसोसिएशन का अध्यक्ष था तब मैं उन्हें कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करता था। भाजपा में कई अच्छे नेता हैं लेकिन वाजपेयी जी और सुषमाजी के कद के नेता को मुझे नहीं लगता कि हम देख पायेंगे।’’ राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने कहा,‘‘मेरे लिए वह बहन के जैसी थीं और बेहद ही विनम्र महिला थीं । उनका निधन हमारे लिए एक सदमे की तरह है। मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि वह गुजर गयी हैं।’’