नई दिल्ली। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने चेन्नई से दो श्रीलंकाई तमिलों को गिरफ्तार किया है, जो एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग रैकेट के मुख्य संचालक थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है। एनसीबी के उप निदेशक केपीएस मल्होत्रा ने बताया कि श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा साझा की गई खुफिया जानकारी के आधार पर पिछले साल नवंबर में उनके द्वारा श्रीलंका से सौ किलोग्राम हेरोइन जब्त किए गए थे। जब्त की गई हेरोइन की कीमत 1,000 करोड़ रुपए आंकी जा रही है।
यह हेरोइन तस्करी सिंडिकेट पाकिस्तान और श्रीलंका पर आधारित है और इसका जाल अफगानिस्तान, ईरान, मालदीव और ऑस्ट्रेलिया तक फैला हुआ है। मल्होत्रा ने कहा कि गिरफ्तार किए गए आरोपी एमएमएम नवास और मोहम्मद अफनास चेन्नई में अपनी पहचान छिपाकर रहते थे, लेकिन एजेंसी किसी तरह से उन्हें धर दबोचने में कामयाब रही है।
एनसीबी ने नवंबर 2020 में भी की थी बड़ी कार्रवाई
दरअसल 26 नवंबर, 2020 को भारतीय जल सीमा क्षेत्र के करीब तूतीकोरिन बंदरगाह के पास इंडियन कोस्ट गार्ड और एनसीबी द्वारा 95.87 किलोग्राम हेरोइन और 18.32 किलोग्राम मेथमफेटामाइन के साथ मछली पकड़ने वाली श्रीलंकाई जहाज 'शेनाया दुवा' को जब्त किया गया था और यही से कार्रवाई करने की मुख्य शुरुआत हुई। एनसीबी अधिकारी ने कहा कि एनसीबी ने इस जहाज से पांच पिस्तौल और मैगजीन भी जब्त किए थे। छह श्रीलंकाई लोगों की गिरफ्तारी की गई है, जो इस वक्त न्यायिक हिरासत में हैं।
अधिकारी ने बताया कि रैकेट के अंतर्राष्ट्रीय तालुकात होने की बात से एनसीबी वाकिफ थी, जो कि खास तौर पर अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान संग था। उन्होंने कहा, "इसलिए हम मामले की हर कड़ी की जांच बारीकी से करने लगे और जल्द ही हमें मालूम पड़ा कि इस गिरोह के दो मुख्य व्यक्ति चेन्नई में रहते हैं। इसके बाद एनसीबी नवास और अफनास को पकड़ने में जुट गई।"
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