नई दिल्ली। देश के निजी न्यूज चैनलों के संगठन News Briadcasters Association (NBA) ने Broadcast Audience Research Council (BARC) के उस कदम का स्वागत किया है जिसमें BARC ने 12 हफ्ते तक न्यूज चैनलों की TRP नहीं जारी करने का फैसला किया है। NBA ने BARC के इस फैसले को सही दिशा में उठाया गया आवश्यक कदम बताया है। NBA ने कहा है कि प्रसारण करने वालों, विज्ञपानदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों की तरफ से टेलीविजन व्यूअरसिप मापने वाली एजेंसी BARC इन 12 हफ्तों का इस्तेमाल अपने सिस्टम को सुधारने के लिए करे और 'भारत क्या देखता है', इसको लेकर मिलने वाली जानकारी की विश्वसनीयता फिर कायम हो सके।
NBA के चेयरमैन रजत शर्मा ने कहा कि हाल के खुलासों से रेटिंग एजेंसी की बदनामी हुई है और इसका असर ब्रॉडकास्ट न्यूज मीडिया पर भी पड़ा है, 'भारत क्या देखता है', इसको लेकर अनुपयोगी और तर्कहीन डाटा के जरिए एक झूठी धारणा बनाई जा रही थी।
NBA चेयरमैन रजत शर्मा ने कहा कि टीवी चैनलों पर नफरत, गाली तथा फेक न्यूज का मौजूदा माहौल ज्यादा नहीं टिकने वाला और भारतीय ब्रॉडकास्ट मीडिया के संरक्षक के तौर पर NBA का मानना है कि न्यूज चैनलों की रेटिंग पर रोक लगाने के साहसी कदम से कंटेंट को सुधारने में मदद मिलेगी। रजत शर्मा ने कहा कि टीवी व्यूअरसिप आंकड़ों की सत्यता को लेकर NBA अपनी आशंका कई वर्षों से सामने लाता रहा है, हाल की घटनाओं ने दिखाया कि न्यूज चैनल की लोकप्रियता को मापने के अलावा बहुत कुछ दांव पर था, निश्चित तौर पर भारतीय लोकतंत्र के लिए एक स्वस्थ और जीवंत टेलीविजन समाचार इंडस्ट्री जरूरी है।
रजत शर्मा ने कहा कि हम (NBA) उम्मीद करते हैं कि BARC टीआरपी रोकने की अवधि का इस्तेमाल अपने यहां जरूरी सुधारों के लिए करेगा। व्यूअरशिप आंकड़ों की सत्यनिष्ठा के लिए इन्हें इकट्ठा करने की प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप को पूरी तरह खत्म किया जाना चाहिए, और इसको लेकर अगर कोई शिकायत हो तो उसकी जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जानी चाहिए।
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