नई दिल्ली: न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (NBA) के अध्यक्ष रजत शर्मा ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 2.4.2018 को जारी प्रेस विज्ञप्ति ' फेक न्यूज/फर्जी खबरों पर अंकुश के लिए मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए संशोधित दिशा-निर्देश' को वापस लेने के प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के फैसले का स्वागत किया है। NBA ने इस फैसले का भी स्वागत किया है कि फेकन्यूज से जुड़े सभी मुद्दों पर न्यूज इंडस्ट्री से जुड़ी ईकाइयों जैसे NBA और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) को फैसला करना चाहिए।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फेकन्यूज/फर्जी खबरों को लेकर कल जारी की गयी अपनी विज्ञप्ति को आज वापस ले लिया। मंत्रालय की ओर से कल जारी इस विज्ञप्ति को लेकर सरकार की चौतरफा आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने आज सुबह ही इन दिशा-निर्देशों को वापस लेने को कहा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने पुष्टि करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें निर्देश प्राप्त हुए हैं और इसी आधार पर उन्होंने विज्ञप्ति वापस ले ली है। सुबह प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंत्रालय को विज्ञप्ति वापस लेने का निर्देश देते हुए कहा था कि फेकन्यूज से निपटने की जिम्मेदारी पीसीआई और एनबीए जैसी संस्थाओं की होनी चाहिए। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय को भी लगता है कि सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
फेकन्यूज या फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के उपाय के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कल कहा था कि अगर कोई पत्रकार फर्जी खबरें करता हुआ या इनका दुष्प्रचार करते हुए पाया जाता है तो उसकी मान्यता स्थायी रूप से रद्द की जा सकती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कल जारी उस एक विज्ञप्ति में कहा था कि पत्रकारों की मान्यता के लिये संशोधित दिशानिर्देशों के मुताबिक अगर फर्जी खबर के प्रकाशन या प्रसारण की पुष्टि होती है तो पहली बार ऐसा करते पाये जाने पर पत्रकार की मान्यता छह महीने के लिये निलंबित की जायेगी और दूसरी बार ऐसा करते पाये जाने पर उसकी मान्यता एक साल के लिये निलंबित की जायेगी। इसके अनुसार, तीसरी बार उल्लंघन करते पाये जाने पर पत्रकार (महिला/पुरूष) की मान्यता स्थायी रूप से रद्द कर दी जायेगी।
Latest India News