नई दिल्ली: न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एन.बी.ए.) के अध्यक्ष रजत शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस सुझाव का पुरज़ोर विरोध किया है कि अगले दो साल के लिए सरकार और सार्वजनिक उपक्रमों की तरफ से प्रिन्ट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया को दिए जाने वाले सभी विज्ञापनों पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाय।
अपने बयान में रजत शर्मा ने कहा है कि ऐसे समय में जब कि मीडियकर्मी अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना वायरस महामारी कि रिपोर्टिंग करके राष्ट्रीय कर्तव्य निभा रहे हैं, कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से दिया गया यह बयान उनके मनोबल को गिराने वाला है।
उन्होंने कहा-'एक तरफ आर्थिक मंदी के कारण इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की विज्ञापनों से आय लगातार घटती जा रही है, दूसरी तरफ देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उद्योगों के बन्द होने से उन पर दोहरी आर्थिक मार पड़ रही है। न्यूज़ चैनल्स अपने रिपोर्टरों और प्रोडक्शन स्टाफ की सुरक्षा पर काफी खर्च कर रहे हैं। ऐसे समय में सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों के विज्ञापनों पर दो साल के लिए पाबंदी लगाने का सुझाव देना न सिर्फ असामयिक बल्कि मनमानापूर्ण है।'
रजत शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस सुझाव को वापस लेने की अपील की। उन्होंने कहा-'एन.बी.ए. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपील करता है कि वह मीडिया को दिए जाने वाले सरकारी विज्ञापनों पर दो साल की पाबंदी वाले अपने सुझाव को एक स्वस्थ और स्वतंत्र मीडिया के हित में फौरन वापस लें ।
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