परमाणु शक्ति के रूप में जवाबी हमला करने की नौसेना की क्षमता सर्वाधिक महत्वपूर्ण: राजनाथ सिंह
परमाणु युद्ध के बारे में पाकिस्तान के बार-बार जिक्र करने के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि परमाणु शक्ति के रूप में भारतीय नौसेना की ‘जवाबी हमला करने की क्षमता’ सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
परमाणु युद्ध के बारे में पाकिस्तान के बार-बार जिक्र करने के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि परमाणु शक्ति के रूप में भारतीय नौसेना की ‘जवाबी हमला करने की क्षमता’ सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। राजनाथ ने कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि यदि कोई ‘समंदर का सिकंदर’ है तो वह आईएनएस विक्रमादित्य है।’’ ‘जवाबी हमला करने की क्षमता’ किसी देश के खुद के परमाणु हथियारों से परमाणु हमला करने की किसी सशस्त्र बल की भरोसेमंद क्षमता होती है।
विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर नौसेना कर्मियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस बात से अवगत हूं कि पुलवामा हमले के बाद जब देश ने बालाकोट में आतंकी शिविरों को (एयर) स्ट्राइक के जरिये प्रभावी ढंग से जवाब दिया, तब (नौसेना के) पश्चिमी बेड़े को फौरन ही उत्तरी अरब सागर में मजबूती से तैनात किया गया।’’ उन्होंने कहा कि इसने हमारे शत्रु को अपनी तैनाती (जंगी जहाज की) की क्षमता को कमतर कर दिया और यह सुनिश्चित हो गया कि वे समुद्र में कोई दुस्साहस का साहस करने की कोशिश नहीं करेंगे। इस परिप्रेक्ष्य में परमाणु शक्ति से लैस होने के साथ भारतीय नौसेना की जवाबी हमला करने की क्षमता सबसे महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ ही दिन पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने प्रथम संबोधन में कश्मीर को लेकर भारत पर निशाना साधते हुए परमाणु युद्ध का जिक्र किया था। इसके बाद सिंह की यह टिप्पणी आई है। वहीं, भारत ने खान पर यह कहते हुए पलटवार किया कि परमाणु युद्ध से होने वाली तबाही का जिक्र करना विकृत सोच को प्रदर्शित करता है, ना कि दूरदर्शिता को।
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार के समाप्त करने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तानी नेता बार-बार परमाणु युद्ध की संभावना जाहिर कर रहे हैं। हालांकि, भारत का यह कहना है कि कश्मीर मुद्दा (भारत का) एक आंतरिक विषय है और इस्लामाबाद को आतंकी संगठनों को हर तरह की सहायता बंद कर देनी चाहिए। रक्षा मंत्री ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा और देश के आर्थिक विकास के लिए भारतीय नौसेना की भूमिका महत्वपूर्ण है।
उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा (परिमाण में) और मौद्रिक मूल्य के रूप में लगभग 70 प्रतिशत समुद्री मार्ग से होता है। उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए मेरा दृढ़ता से मानना है कि भारतीय नौसेना की भूमिका देश की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।’’
मंत्री ने कहा कि वह आईएनएस विक्रमादित्य पर काम कर रहे कर्मियों के परिवार के सदस्यों को पत्र लिखेंगे और उनके (कर्मियों के) शौर्य का जिक्र करते हैं। आईएनएस विक्रमादित्य अभी गोवा के पास अरब सागर में है। सिंह ने रात भर आईएनएस विक्रमादित्य पर ठहरने के दौरान पनडुब्बियों और जहाजों के विभिन्न सैन्य अभ्यास देखें। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे रणनीतिक हित और समुद्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार का मानना है कि देश को तीन विमान वाहक जहाजों की जरूरत है। फिलहाल, दूसरे पर काम जारी है। मुझे लगता है कि यह जल्द पूरा हो जाएगा।