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Hindi News भारत राष्ट्रीय पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही सिद्धू का बयान, हाईकमान का 18 प्वाइंट एजेंडा करेंगे लागू

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही सिद्धू का बयान, हाईकमान का 18 प्वाइंट एजेंडा करेंगे लागू

पंजाब कांग्रेस की कमान अब नवजोत सिंह सिद्धू के हाथों में सौंप दी गई है। राज्य में कांग्रेस पार्टी की कमान संभालने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने बड़ा बयान दिया है।

Punjab Congress chief Navjot Singh Sidhu- India TV Hindi Image Source : PTI Punjab Congress chief Navjot Singh Sidhu

चंडीगढ़. पंजाब कांग्रेस की कमान अब नवजोत सिंह सिद्धू के हाथों में सौंप दी गई है। राज्य में कांग्रेस पार्टी की कमान संभालने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब मॉडल और हाईकमान के 18 सूत्रीय एजेंडे के माध्यम से लोगों को सत्ता वापस देने के लिए विनम्र पार्टी कार्यकर्ता के रूप में 'जितेगा पंजाब' के मिशन को पूरा करने के लिए पंजाब में कांग्रेस परिवार के हर सदस्य के साथ काम करेंगे। मेरी यात्रा अभी शुरू हुई है।

आपको बता दें कि कल रात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी की पंजाब इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया। सोनिया गांधी ने राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की कड़ी आपत्ति के बावजूद यह फैसला लिया। सोनिया गांधी ने अगले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सिद्धू की सहायता के लिए चार कार्यकारी अध्यक्षों की भी नियुक्ति की है। ये नियुक्तियां पार्टी में आंतरिक कलह के बाद हुईं है जिससे पार्टी की प्रदेश इकाई अमरिंदर सिंह और सिद्धू के प्रति निष्ठा रखने वाले गुटों में विभाजित हो गई।

पंजाब इकाई के नये कार्यकारी अध्यक्ष हैं- संगत सिंह गिलजियां, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल, कुलजीत सिंह नागरा। ये सभी विभिन्न क्षेत्रों एवं जातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। पंजाब में 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए सिद्धू ने पिछले कुछ दिनों में समर्थन जुटाने के अपने प्रयास तेज कर दिये हैं और कई विधायकों और नेताओं से मुलाकात की है। इस फैसले के साथ ही पार्टी नेतृत्व ने अमरिंदर सिंह के विरोध की अनदेखी करते हुए सिद्धू का समर्थन करने का स्पष्ट संकेत दे दिया है।

पार्टी नेतृत्व को लगता है कि सिद्धू नई ऊर्जा और उत्साह के साथ पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व कर सकते हैं और अगले साल की शुरुआत में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में मदद कर सकते हैं। सिद्धू की भीड़ आकर्षित करने और जोरदार प्रचार अभियान शुरू करने की क्षमता ने उनके पक्ष में काम किया है क्योंकि पार्टी को लगता है कि सत्ता में साढ़े चार साल के बाद पार्टी पदाधिकारियों में आयी सुस्ती को दूर करके उनमें नई ऊर्जा का संचार करना आवश्यक है।

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा के समर्थन ने भी सिद्धू को कड़े प्रतिरोध के बावजूद यह पद हासिल करने में मदद की है। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू के सामने अब पार्टी को एकजुट करने और पुराने नेताओं और दिग्गजों का विश्वास जीतने के अलावा पार्टी में एकजुटता लाने की चुनौती है। समझा जाता है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी से कहा था कि वह सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक कि वह हाल के दिनों में उनके ऊपर किये गए अपने हमलों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को एकजुट करने का आह्वान किया जा रहा है, नहीं तो आप तथा अकाली दल-बसपा गठबंधन इसे पछाड़ सकते हैं। पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी एवं कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने सिद्धू और चार कार्यकारी अध्यक्षों को बधाई दी। उन्होंने पंजाब में नई टीम को मंजूरी देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का आभार व्यक्त किया। 

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