नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को चक्का जाम करने का निर्णय लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, 6 फरवरी को पूरे देश में दिन में 12 बजे से 3 बजे तक राष्ट्रीय और राज्य मार्गों का चक्का जाम किया जाएगा। किसान संगठनों ने बजट में किसानों को ''नजरअंदाज'' किए जाने, इंटरनेट बंद करने समेत अन्य मुद्दों के विरोध में छह फरवरी को तीन घंटे के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम का ऐलान किया है।
भारतीय किसान यूनियन (आर) के नेता बलबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 6 फरवरी को दिन में 12 बजे से 3 बजे तक राष्ट्रीय और राज्य मार्गों का देशव्यापी चक्का जाम करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट बैन, बजट में किसानों को नजरअंदाज किए जाने और अन्य मुद्दों को लेकर हम चक्का जाम करेंगे।
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया कि 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली हिंसा के मामले में अब तक कुल 44 FIR दर्ज़ की गई हैं और 128 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 26 जनवरी की हिंसा के सिलसिले में एक व्यक्ति आकाश प्रीत सिंह को गिरफ्तार किया है। उस पर CISF कर्मियों पर तलवार से हमला करने का आरोप है।
बता दें कि, इससे पहले किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शहादत दिवस पर 30 जनवरी को दिनभर का उपवास रखा था। किसान संगठनों ने दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड भी निकाली थी, ट्रैक्टर रैली में काफी बवाल हुआ था। गणतंत्र दिवस हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने प्रमुख किसान नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हालांकि हिंसा की घटना से संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को अलग कर लिया है। दरअसल, पांच नवंबर 2020 को देशभर में चक्का जाम के बाद पंजाब और हरियाणा में किसान संगठनों ने दिल्ली चलो आंदोलन का आह्वान किया था।
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन दो महीने से अधिक समय से जारी है। आंदोलनकारी किसान तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार तीनों कानून में संशोधन के लिए तैयार है लेकिन वापसी को लेकर साफ मना कर चुकी है। सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की बैठकें हुई है लेकिन इस मांग को लेकर सभी बेनतीजा रही हैं।
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