नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोखरण परमाणु परीक्षण को याद करते हुए भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व की प्रशंसा की है। भारत द्वारा 11 मई, 1998 को सफलतापूर्वक पहला परमाणु बम का परीक्षण करने के उपलक्ष्य में हर साल इस दिन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के मौके पर, पूरा देश उन लोगों को सलाम करता है जो दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर उसका लाभ उठाते हैं। हम इस दिन 1998 में हमारे वैज्ञानिकों द्वारा हासिल की गई असाधारण उपलब्धि को याद करते हैं। यह भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था।
पीएम मोदी ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि आज, टेक्नोलॉजी दुनिया को कोविड-19 से मुक्त करने में कई तरह से मदद कर रही है। मैं कोरोना वायरस को हराने के लिए आगे रहकर रिसर्च और इन्नोवेशन करने वालों को सलाम करता हूं। हम एक स्वस्थ और बेहतर पृथ्वी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करते रहना जारी रखेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि 1998 में पोखरण परीक्षण ने यह भी सिद्ध किया था कि मजबूत नेतृत्व ही इस तरह के बड़े और कड़े फैसले ले सकता है।
राजस्थान में पोकरण उपखण्ड के खेतोलाई गांव के पास आर्मी फिल्ड फायरिंग रेंज में भारत द्वारा दूसरी बार 11 मई 1998 को परमाणु परीक्षण किया गया था, जिसकी 22वीं वर्षगांठ सोमवार को मनाई जा रही है।
राष्ट्रपति ने भी दी बधाई
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी 1998 के परमाणु परीक्षणों की वर्षगांठ को चिह्नित करते हुए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर साथी नागरिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर हम राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने में वैज्ञानिक समुदाय के अतुलनीय योगदान का जश्न मनाते हैं।
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