नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट किया जाएगा, मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में NPR को अपडेट करने की मंजूरी दे दी गई है। NPR में भारत के निवासियों से 15 जानकारी मांगी जाएगी और जनगणना के डाटाबेस को अपडेट किया जाएगा। इन आंकड़ो पर अगले साल अप्रैल से काम शुरु होना है। NPR में मांगी गई जानकारी के लिए किसी भी दस्तावेज़ की ज़रूरत नहीं है, लेकिन अभी से कुछ राजनैतिक दलों ने इसका विरोध करना शुरु कर दिया है।
बंगाल और केरल नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर का भी विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार एनपीआर के जरिए लोगों की निजी जानकारियां जुटा रही है। आपको बता दें कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में 2010 में एनपीआर बनाने की पहल शुरू हुई थी। 2020 तक असम को छोड़कर इसे हर राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश में लागू करना है।
हैदराबाद से सांसद और AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि देश में NPR को NRC के लिए लागू किया जा रहा है, ओवैसी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर NRC लागू करने कि दिशा में उठाया गया कदम है।
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