नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गुजरात के राजकोट जिला में शापर कस्बा के पास एक दलित व्यक्ति की कथित तौर पर पीट - पीट कर हत्या करने की घटना पर राज्य सरकार को एक नोटिस भेजा और चार हफ्तों के अंदर एक रिपोर्ट मांगी है। यह घटना 20 मई को वहां एक फैक्टरी परिसर में हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि 35 वर्षीय मुकेश वाणीया की पीट - पीट कर हत्या कर दी गई। उसकी पत्नी जयाबेन पर भी हमला किया गया था। मुकेश कूड़ा बीनने का काम करता था। उन्होंने बताया कि फैक्टरी परिसर में पांच लोगों ने मुकेश को कथित तौर पर पीट - पीट कर मार डाला। इस घटना को अंजाम देने वालों में फैक्टरी का मालिक भी शामिल है , जिसे संदेह था कि मुकेश और उसकी पत्नी कबाड़ चुरा रहे हैं।
एनएचआरसी ने आज एक बयान में कहा कि उसने पाया कि यदि इस खबर की विषय वस्तु सही है तो यह मृतक और पीड़िता के मानवाधिकारों के हनन का गंभीर मुद्दा है। बयान में कहा गया है कि इसने गुजरात सरकार के मुख्य सचिव को एक नोटिस जारी कर इस मामले में चार हफ्तों के अंदर एक रिपोर्ट मांगी है। साथ ही , पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी भी तलब की है। एनएचआरसी ने बयान में कहा है कि खबर के मुताबिक इलाके के पुलिस उपाधीक्षक ने कहा कि मृतक के शरीर पर चोट के निशान हैं जो डंडे जैसी चीज के चलते बने होंगे।
गौरतलब है कि इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया गया था। इसमें कथित तौर पर दिखता है कि दो लोग मुकेश को पीटने के लिए डंडा लिए हुए हैं जबकि एक अन्य व्यक्ति उसकी कमर में बंधी रस्सी पकड़े हुए है।
गुजरात के गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने बताया कि रदादिया इंडस्ट्रीज के मालिक सहित पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों को एससी / एसटी कानून और हत्या , अवैध रूप से बंधक बना कर रखना तथा महिला की गरिमा को चोट पहुंचाने संबंधी आईपीसी की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कल संवाददाताओं से कहा कि सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।
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