नयी दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मंगलवार दोपहर दिल्ली के लोधी रोड विद्युत शव दाह गृह में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। प्रणब के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने उनका अंतिम संस्कार किया। परिजनों और रिश्तेदारों ने कोविड-19 से बचाव के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पीपीई किट में मुखर्जी को अंतिम विदाई दी। सेना की टुकड़ी ने पूर्व राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर और तोपों की सलामी दी।
इससे पहले मुखर्जी को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके आवास पर पहुंचे नेताओं एवं अन्य लोगों ने न सिर्फ मास्क पहन रखे थे, बल्कि छह फुट की दूरी रखते हुए कतारबद्ध होकर आपनी पारी का इंतजार किया। देश के 13वें राष्ट्रपति रहे मुखर्जी का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह उनके आवास पर लाया गया। ‘भारत रत्न’ मुखर्जी के निधन पर देश में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक है।
मुखर्जी के अंतिम दर्शन के लिए कई नेता और अन्य लोग उनके आवास 10 राजा जी मार्ग पहुंचे। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बताया कि नेताओं ने मुखर्जी की तस्वीर पर पुष्प आर्पित किए और वे उनके पार्थिव शरीर को देख सकते थे जो दूसरे कमरे में रखा हुआ था। मुखर्जी के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे लोगों ने मास्क पहन रखे थे। वहां मौजूदा सुरक्षाकर्मियों ने भी फेस शील्ड पहन रखा था।
अंतिम दर्शन के बाद मुखर्जी का पार्थिव शरीर फूलों से सजे वाहन में श्मशान गृह लाया गया। उनके पार्थिव शरीर पर तिरंगा लिपटा हुआ था। उल्लेखनीय है कि 84 वर्षीय मुखर्जी का सोमवार शाम को दिल्ली छावनी स्थित सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल अस्पताल में निधन हो गया था। वह 21 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे।
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