अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों को अक्सर निशाने पर लेने वाले इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए गुहा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पीएम ने ‘अपना प्रचार’ करने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम का गलत इस्तेमाल किया है। इसके साथ ही गुहा ने सवाल किया है कि क्या प्रधानमंत्री बनने से पहले भी वह गांधी को ‘पसंद’ करते थे। गुहा अहमदाबाद में राष्ट्रपिता के पुण्यतिथि पर एक व्याख्यान देने के लिए आए थे।
उन्होंने संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के लिए बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर बापू जिंदा होते तो वह इसका विरोध करते। साथ ही उन्होंने साबरमती आश्रम संरक्षण एवं स्मारक न्यास के न्यासी कार्तिकेय साराभाई को भी सलाह दी कि प्रधानमंत्री बनने के बाद आश्रम को मोदी से दूरी रखनी चाहिए थी। गुहा ने सीएए के खिलाफ आवाज नहीं उठाने पर साबरमती आश्रम तथा अन्य गांधी संस्थानों जैसे गुजरात विद्यापीठ की भी आलोचना की।
महात्मा गांधी की जीवनी लिखने वाले गुहा ने कहा, ‘मई 2014 के बाद से आपको (साराभाई तथा अन्य न्यासियों) प्रधानमंत्री से हाथ भर की दूरी बना कर रखनी चाहिए थी। क्या प्रधानमंत्री बनने से पहले वह गांधी को पसंद करते थे? उन्होंने अपना प्रचार करने के लिए गांधी के नाम का गलत इस्तेमाल किया।’ व्याख्यान के बाद सवाल-जवाब के दौर में गुहा ने कहा, ‘गांधी अगर जिंदा होतो, तो वह सीएए का विरोध करते। गांधी को गलत बताना प्रधानमंत्री की धोखेबाजी है।’
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