मुंबई: सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर द्वारा दिल्ली हिंसा के बाद किए गए ट्वीट की जांच की बात से महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने 'यू-टर्न' ले लिया है। उन्होंने अब कहा है कि इन हस्तियों की नहीं बल्कि बीजेपी आईटी सेल की जांच की बात कही थी। देशमुख ने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। देशमुख ने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट करने का दबाव डालने के आरोपों के संबंध में सचिन तेंदुलकर और लता मंगेशकर की जांच नहीं होगी।
बता दें कि जब महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने ट्वीट की जांच की बात की थी तब वे विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। अनिल देशमुख ने कहा था कि राज्य का खुफिया विभाग कुछ हस्तियों पर किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट करने का दबाव डालने के आरोपों के संबंध में जांच करेगा। देशमुख ने एक ऑनलाइन बैठक के दौरान राज्य सरकार के सहयोगी दल कांग्रेस की तरफ से उठाई गई मांग के संबंध में यह टिप्पणी की थी।
कांग्रेस नेता सचिन सावंत ने ट्वीट करते हुए कहा था, "मशहूर हस्तियों द्वारा किए गए ट्वीट का बीजेपी के साथ संबंध होने की जांच करने और आवश्यकतानुसार हमारे राष्ट्रीय नायकों को सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग की गई। साथ ही यह भी जांच की मांग की गई कि कहीं बीजेपी ने इन हस्तियों पर ट्वीट करने का दबाव तो नहीं डाला?'
देशमुख ने इस बात का भी उल्लेख किया था कि बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल और अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा किए गए ट्वीट में समानता थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस का सवाल है कि कहीं दोनों हस्तियों ने एक ही तरह के ट्वीट एक साथ किसी दबाव में तो नहीं किए? गौरतलब है कि अमेरिकी गायिका रिहाना और स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किए थे। इसके बाद क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और गायिका लता मंगेशकर ने सरकार के समर्थन वाले हैशटेग के साथ जवाबी ट्वीट किए थे।
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