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Hindi News भारत राष्ट्रीय 2 अक्तूबर का दिन उत्तराखंड के लिए दुखद इतिहास, अलग राज्य की मांग को लेकर कई आंदोलनकारी हुए थे शहीद

2 अक्तूबर का दिन उत्तराखंड के लिए दुखद इतिहास, अलग राज्य की मांग को लेकर कई आंदोलनकारी हुए थे शहीद

महात्मा गांधी ने जिस अहिंसा के संदेश को पूरी दुनिया को दिया उसी संदेश की 26 साल पहले 2 अक्तूबर के दिन धज्जियां उड़ाई गई जब अलग उत्तराखंड राज्य की मांग कर रहे आंदोलनकारियों पर मुजफ्फरनगर में गोलियां चलाई गई थी

<p>Muzaffarnagar</p>- India TV Hindi Image Source : FILE Muzaffarnagar

नई दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्तूबर 1869 को हुआ था और उनकी याद में पूरा देश 2 अक्तूबर को गांधी जयंती मनाता है। लेकिन 2 अक्तूबर के दिन देश को एक ऐसा गहरा घाव भी मिला है जो अब 26 वर्ष बीत जाने के बाद भी याद आता है। महात्मा गांधी ने जिस अहिंसा के संदेश को पूरी दुनिया को दिया उसी संदेश की 26 साल पहले 2 अक्तूबर के दिन धज्जियां उड़ाई गई जब अलग उत्तराखंड राज्य की मांग कर रहे आंदोलनकारियों पर मुजफ्फरनगर में गोलियां चलाई गई थी और उसमें कई आंदोलनकारी शहीद हो गए थे। इस तरह के भी आरोप हैं कि उस दिन आंलोदन करने जुटी कई महिलाओं के साथ बलात्कार भी हुआ था।

उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड के लिए अलग राज्य की मांग कई वर्षों पुरानी थी और इसको लेकर उत्तराखंड में कई वर्षों से आंदोलन हो रहे थे, 90 के देशक की शुरुआत में इस मांग ने जोर पकड़ा और 1994 में इस मांग को लेकर पूरे क्षेत्र में आंदोलनकारियों पर गोलीबारी की कई घटनाएं भी हुईं। एक सितंबर 1994 को खटीमा गोली कांड हुआ था और कहा जाता है कि उसमें 7 आंदोलनकारी शहीद हुए थे। इसके अगले दिन मसूरी गोलीकांड हुआ और उसमें भी कई आंदोलनकारियों की मृत्यु हुई।

इन गोलीकांडों को लेकर पूरे उत्तराखंड में गुस्सा भर गया और उस समय आंदोलनकारियों ने तय किया कि 2 अक्तूबर को दिल्ली जाकर राजघाट पर प्रदर्शन करेंगे। उत्तराखंड से कई बसों में भरकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले और आंदोलनकारियों में भारी संख्या में महिलाएं भी थीं। आंदोलनकारियों को मुजफ्फरनगर में रोका गया। मुजफ्फरनगर में ही आंदोलनकारियों को पुलिस की बर्बरात का शिकार होना पड़ा और मुजफ्फरनगर में पुलिस ने आंदोलनकारियों पर गोलियां चला दी।

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पुलिस की गोलीबारी में 28 आंदोलनकारी शहीद हुए हैं, कुछ रिपोर्ट्स में आंकड़े अलग-अलग थे। अधिकतर रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि कई आंदोलनकारी महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है। 2 अक्तूबर के दिन इस तरह की तमाम खबरें बहुत दुखद थीं।

साल 2000 में अलग उत्तराखंड राज्य भी बन गया लेकिन हर साल 2 अक्तूबर के दिन 26 साल पहले उत्तराखंड के लोगों को मिले ये घाव ताजा हो जाते हैं। उत्तराखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर गोली कांड को याद करते हुए उस गोलीकांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों को नमन किया और इसे एक दुखद इतिहास बताया।

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