बेंगलुरु: कर्नाटक के गडग जिले में स्थित एक लिंगायत मठ में एक नया इतिहास लिखा जाने वाला है। दरअसल, गडग के ही एक 32 साल के मुस्लिम शख्स ने लिंगायत समुदाय का सदस्य बनने की दीक्षा ली है और वह जल्द ही मुख्य पुजारी के पद पर नियुक्त किए जाएंगे। बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी इसी समुदाय से आते हैं। दीक्षा लेने वाले मुस्लिम शख्स दीवान शरीफ मुल्ला ने कहा है कि वह विश्व की शांति और समृद्धि के लिए काम करना चाहते हैं। मुल्ला आने वाली 26 फरवरी से मठ के नए मुख्य पुजारी होंगे।
दीवान शरीफ मुल्ला ने कहा कि उनके माता-पिता, रहीम और फातिमा मुरुगराजेंद्र कोरनेश्वरा स्वामी जी के भक्त हैं और उन्होंने मठ बनाने के लिए कुछ साल पहले 2 एकड़ जमीन भी दान की थी। पहले मुन्ना नाम से पहचाने जाने वाले मुल्ला ने कहा कि उनके माता-पिता ने बसवन्ना की शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए मठ के निर्माण हेतु जमनी दान की थी। अपने माता-पिता के कर्मों से प्रभावित होकर मुल्ला ने स्वामी से आशीर्वाद मांगा और उनसे निवेदन किया कि वह उसे अपना शिष्य बना लें।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, मुल्ला का मानना है कि ईश्वर एक ही हैं लेकिन उनके अलग-अलग रूप हैं। उनका मानना है कि धार्मिक मतभेदों और आस्था को लेकर लड़ने की बजाय लोगों को एकजुट होकर रहना चाहिए और शांति के लिए काम करना चाहिए। मुल्ला के गुरु, जिन्नहोंने उन्हें दीक्षा दी, का मानना है कि दीक्षा के लिए आने वाले लोगों में कोई अंतर नहीं होता। दीवान शरीफ को अपना आशीर्वाद देने वाले मुरुगराजेंद्र कोरानेश्वरा ने कहा कि सबकुछ शांतिपूर्ण ढंग संपन्न हुआ।
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