नई दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघू बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए 25 सदस्यीय मुस्लिम टीम बुधवार से ही लंगर चला रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुस्लिम फेडरेशन ऑफ पंजाब की इस टीम के प्रमुख फारूकी मुबीन हैं। टीम का कहना है कि वे ‘हर किसी को भोजन देने वाले किसानों की सेवा’ के लिए सिंघू बॉर्डर आए हैं। मुबीन ने कहा कि जब तक किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा तब तक लंगर 24 घंटे चलेगा। उन्होंने कहा कि किसान हमारे लिए बहुत कुछ करते हैं। अब हमारी बारी उन्हें कुछ वापस करने की है।
‘किसानों का ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है’
उन्होंने कहा, ‘किसानों का ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है। हम 25 स्वयंसेवकों की एक टीम हैं और हम लंगर चालू रखने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।’ 3 केंद्रीय मंत्रियों और आंदोलनरत किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के बीच गुरुवार को हुई वार्ता के नाकाम रहने के बाद दिल्ली में हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगने वाली सीमाओं पर लगातार नौवें दिन हजारों किसानों ने प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि किसानों को उम्मीद है कि 5 दिसंबर को होने वाली बातचीत में सरकार उनकी मांगों को स्वीकार कर लेगी। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा।
किसानों ने 8 दिसंबर को 'भारत बंद' की घोषणा की
बता दें कि केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों ने 8 दिसंबर को 'भारत बंद' की शुक्रवार को घोषणा की और कहा कि उस दिन वे टोल प्लाजा को घेर लेंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यदि केंद्र सरकार शनिवार की वार्ता के दौरान उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है तो वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करेंगे। बता दें कि दिल्ली के बॉर्डर पॉइंट्स पर पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसानों का प्रदर्शन लगातार 9 दिनों से जारी है। किसान नेताओं और सरकार के बीच गुरुवार को हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका था। (भाषा)
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