मुंबई के अंधेरी में ESIC कामगार अस्पताल में लगी भीषण आग, 8 लोगों की मौत, 176 झुलसे
मुंबई के अंधेरी में ESIC अस्पताल में सोमवार को भीषण आग लग गई। आग इतनी तेजी से फैली की लोगों को अपनी जान बचाने के लिए अस्पताल की खिड़कियों से कूदना पड़ा।
मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में सोमवार की शाम आग लगने से 8 लोगों की मौत हो गई जबकि मरीज और आगंतुकों समेत 176 लोग झुलस गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के एक अधिकारी ने बताया कि उपनगरीय अंधेरी के मरोल में स्थित ईएसआईसी कामगार अस्पताल में आग लगने से मरीज समेत 108 लोग फंस गए थे। उन्होंने बताया, ‘इसके बाद अग्निशमन कर्मियों ने सीढ़ियों की मदद से उन्हें अस्पताल की अलग-अलग मंजिलों से बचाया।'
अधिकारी ने बताया, ‘अस्पताल की इमारत में भूतल के साथ पांच मंजिल है और आग चौथी मंजिल पर लगी थी। 15 लोगों को कूपर अस्पताल ले जाया गया, जहां दो लोगों को मृत घोषित कर दिया गया।' अधिकारी ने बताया कि घायलों को पांच अलग-अलग अस्पतालों में ले जाया गया। उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान अभी नहीं हो पाई है और अभी तक आग लगने की वजह का पता नहीं चला है। BMC की आपदा प्रबंधन इकाई के एक अधिकारी ने बताया, ‘दमकल विभाग के तीन कर्मचारियों सहित कुल 176 लोगों का इलाज फिलहाल शहर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।’
वहीं, केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने इस दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवार वालों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने दुर्घटना में मारे गये लोगों के परिवार वालों को 10-10 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायल लोगों को 2-2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों को एक-एक लाख रुपया देने की घोषणा की है।
अग्निशमन विभाग को आग के संबंध में शाम 4 बजे कॉल मिला था। अग्निशमन की पांच गाड़ियां और 15 एंबुलेंस को घटनास्थल पर भेजा गया, जहां आग बुझाने का कार्य अब भी जारी है। अधिकारी ने कहा, ‘ज्यादातर बचाए गए और झुलसे लोग स्थिर हालत में हैं।'' अग्निशमन प्रमुख पी एस रहंगदाले ने कहा कि पूरी इमारत में धुआं भर गया है और अग्निशमन कर्मी मरीजों और आगंतुकों को बचाने के लिए सभी मंजिल की तलाशी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि आग को तीसरी मंजिल पर ही फैलने से रोक दिया गया, जहां से डॉक्टरों, नर्सों और मरीजों को सुरक्षित बचा लिया गया।