राहुल गांधी की भूलने की आदत ने कांग्रेस को भूल भुलैया बना दिया है: मुख्तार अब्बास नक़वी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर गैस, डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर निशाना साधा।
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर गैस, डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर निशाना साधा। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी को निशाना बनाना शुरू कर दिया। पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने उनपर हमला किया और उसके बाद अब केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने भी राहुल गांधी पर हमला किया।
मुख्तार अब्बास नक़वी ने राहुल गांधी को भूलने की बीमारी का शिकार बताया। उन्होंने कहा कि राहुल मुद्दे उठाते हैं और फिर उन्हें भूल जाते हैं। नक़वी ने कहा, "राहुल गांधी ने 7 सालों में 700 मुद्दे उठाए होंगे। वो एक मुद्दा उठाते हैं और फिर उसे भूल जाते हैं। उनकी भूलने की बीमारी ने कांग्रेस पार्टी को भूल भुलैया बना दिया है। पहले तो कांग्रेस के लोगों को उनके भूलने का इलाज़ करना चाहिए।"
राहुल गांधी के GDP वाले तंज पर संबित पात्रा ने CNP से किया पलटवार
इससे पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी ऐसे मुद्दों पर बोल रहे थे, जिनके बारे में उनको समझ ही नहीं है। संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी ने GDP को गलत तरीके से परिभाषित किया और UPA के समय सरकार का एजेंडा CNP यानी भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और पॉलिसी पैरालिसिस होता था।
संबित पात्रा ने कहा कि वे (राहुल गांधी) GDP का असली मतलब समझने में सक्षम नहीं हैं। पात्रा ने कहा कि मंगलवार को आए GDP आंकड़ों में ग्रोथ साफ दिखी है और महामारी के दौर में इस तरह की ग्रोथ प्रधानमंत्री मोदी के निर्णायक नेतृत्व की वजह से ही हो पाई है।
उन्होंने कहा, "जब से डीमोनेटाइजेशन हुआ है, राहुल गांधी सदैव ही परेशान नज़र आए हैं। आज भी डीमोनेटाइजेशन को लेकर राहुल गांधी परेशान ही थे। स्वाभाविक है, गांधी परिवार और कांग्रेस पार्टी ने डीमोनेटाइजेशन में बहुत रुपये खोए होंगे।"
राहुल गांधी ने क्या-क्या कहा था?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, "डीजल, पेट्रोल, अर्थव्यवस्था के तकरीबन हर भाग में इनका इनपुट होता है और जब इनके दाम बढ़ते हैं तो एक सीधी चोट लगती है। सीधी चोट ये है कि ट्रांसपोर्ट कॉस्ट बढ़ती है और उसकी वजह से महंगाई बढ़ती है।" उन्होंने कहा, "पहले डीमोनेटाइजेशन हुआ, फिर मोनेटाइजेशन हुआ। मोदी जी ने पहले कहा था मैं डीमोनेटाइजेशन कर रहा हूं और वित्त मंत्री कहती हैं कि मैं मोनेटाइजेशन करती रहती हूं।"
राहुल गांधी ने कहा, "डीमोनेटाइजेशन किसानों का, मजदूरों का, छोटे दुकानदारों का, एमएसएमई के सेलरी क्लास का हो रहा है तथा ईमानदार उद्योगपतियों का हो रहा है। 4-5 नरेंद्र मोदी जी के मित्र हैं, उनका मोनेटाइजेशन हो रहा है।" उन्होंने कहा, "मोदी जी कहते रहते हैं कि जीडीपी बढ़ रही है, वित्त मंत्री कह रही हैं कि जीडीपी का प्रोजेक्शन ऊपर की तरफ है। जीडीपी का मतलब क्या है, गैस, डीजल, पेट्रोल है।"
उन्होंने कहा, "2014 में नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि डीजल, पेट्रोल के दाम बढ़ते जा रहे हैं। 2014 में सिलेंडर का दाम 410 रुपये था, जब यूपीए ने ऑफिस छोड़ा था और आज 885 रुपये सिलेंडर का प्राइस है, 116 प्रतिशत बढ़ोतरी। पेट्रोल के दाम 71 रुपये था और आज 101 रुपये है, 42 प्रतिशत बढ़ोतरी। डीजल 57 रुपए से बढ़कर 88 रुपए हुआ, 55 प्रतिशत बढ़ोतरी।
राहुल गांधी ने कहा, "अब मजेदार बात ये है कि कोई यह बहस कर सकता है कि इंटरनेशनल रेट बढ़ा है, इसलिए हिंदुस्तान की जनता को चोट लग रही है और इसलिए डीमोनेटाइजेशन तथा मोनेटाइजेशन का तमाशा बढ़ रहा है।" उन्होंने कहा, "2014 में 105 डॉलर कच्चे तेल का दाम था और आज 71 डॉलर है, 32 प्रतिशत ज्यादा था हमारे समय। गैस का दाम इंटरनेशनल 880 डॉलर था और आज 653 डॉलर है, जो 26 प्रतिशत कम है।"
उन्होंने कहा, "इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोल, डीजल और गैस के दाम कम हुए हैं लेकिन हिंदुस्तान में बढ़े हैं। दूसरी तरफ हमारी संपत्तियों को बेचा जा रहा है।" उन्होंने कहा, "सरकार ने गैस, डीजल, पेट्रोल से 23 लाख करोड़ रुपया कमाया है। ये 23 लाख करोड़ रुपये गए कहां? जनता को पूछना चाहिए कि आपकी जेब से जो पैसा निकाला जा रहा है, वह कहां जा रहा है। जो हिंदुस्तान की संपत्तियां हैं, उनको बेचा जा रहा है।"