नई दिल्ली: हैदराबाद में मुहर्रम के मौके पर लोगों ने सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाकर रख दीं, जबकि कोलकाता में जुलूस नहीं निकाला गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में मुहर्रम के मौके पर 'बीबी का आलम' के जुलूस में सोशल डिस्टैंसिंग का जरा भी ख्याल नहीं रखा गया। इस मौके पर भारी भीड़ देखने को मिली और लोग एक-दूसरे के बिल्कुल पास नजर आए। यहां तक कि लोगों ने मास्क तक नहीं पहन रखा था। मौके पर पुलिस भी मौजूद थी लेकिन वह भी लोगों से सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करवा पाने में नाकाम रही।
कोलकाता में बगैर जुलूस मना मुहर्रम
वहीं, कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में लोगों कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर बिना जुलूस निकाले मुहर्रम मनाया। उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की याद में प्रार्थना की और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए छोटे-छोटे समूहों में एकत्रित हुए। शहर के प्रमुख शिया नेता सैयद मेहर अब्बास रिजवी ने बताया, ‘समुदाय के सदस्यों ने जुलूस नहीं निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का सम्मान किया और काले कपड़े पहनकर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया और सादगी के साथ रस्मों का पालन किया।’
सीएम ममता बनर्जी ने की थी अपील उन्होंने कहा कि पार्क सर्कस, राजाबाजार, किद्दरपोर, इकबालपुर, मोमिनपुर और मेटियाबुर्ज समेत किसी भी इलाके में मुहर्रम का जुलूस नहीं निकाला गया। ताजियों को शहर के उत्तरी बाहरी इलाके में कमरहाती के विभिन्न मुहल्लों में रखा गया था लेकिन इन्हें जुलूस में नहीं ले जाया गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘मुहर्रम के पाक मौके पर आइए शपथ लें कि हम एकजुट रहेंगे।’
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