जम्मू कश्मीर: जम्मू-कश्मीर में बार-बार हो रहे विरोध प्रदर्शन और पत्थरबाजी के बीच मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्य को हिंसा से निकालने के लिए राज्य विधानसभा में कहा कि हिंसा को केवल अब बातचीत से ही कम किया जा सकता है। जो कुछ भी पहले हुआ वह पुरानी बात हो गई और अब जम्मू कश्मीर में जो हालात हैं उनको सुधारने का रास्ता सिर्फ बातचीत से ही निकलेगा। महबूबा ने कहा कि राज्य में 'अमन न फोज ने आएगा और न ही बंदूक से', 'अमन सिर्फ बातचीत और सुलह से आएगा'। (गूगल का डूडल 'FATHER'S DAY' के रंग में रंगा)
सीएम महबूबा मुफ्ती ने चरमपंथियों और प्रदर्शनकारियों से अपील करते हुए कहा कि हथियार छोड़कर बातचीत की मेज पर आएं क्योंकि बातचीत ही किसी शिकायत को दूर करने का एकमात्र रास्ता है, बंदूकों और हिंसा से किसी समस्या का रास्ता नहीं निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा हम लोग परेशान हें क्योंकि हमारे सैनिक मर रहें हैं और बीते दों सालों में आतंकवादी घटनाओ में पुलिसकर्मियों के मारे जाने के मामले बढ़ गए हैं। आज दोनों पक्षों के लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह सारी मुश्किलों को दूर करने के लिेए हमें साथ बैठना होगा, जब तक हम साथ मिलकर नहीं चलेंगे तब तक हम आगे नहीं बढ़ सकते।
महबूबा ने कहा कि हमसे पहले भी जो लोग छह साल से हुकूमत में रहे उन्होंने क्यों कभी बातचीत की प्रक्रिया शुरू नहीं की, लेकिन मेरे लिए यह संतोष का विषय हे कि राज्य में वार्ता और सुलह की तरफ क्षेत्र बढ़ रहा है, जैसा पहले कभी भी नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं खुश हूं कि अव लोगों ने अपनी राय बदली है और हिंसा और बंदूकों को छोड़कर बातचीत के रास्ते पर चल चुके हैं।
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