दिल्ली में खुला पहला मातृ मिल्क बैंक
बच्चों को मां का दूध उपलब्ध कराने के लिए बीते मंगलवार को फोर्टिस लॉ फेमे अस्पताल ने दिल्ली और NCR का पहला मातृ मिल्क बैंक शुरू किया है।
नई दिल्ली: भारत में ऐसे बहुत से बच्चे हैं जिन्हें पैदा होने के बाद मां का दूध नसीब नहीं होता है। जिससे वह बच्चे कुपोषण के साथ-साथ अनेक बीमारियों के शिकार बनते हैं। भारत में जिस प्रकार कुपोषण की बीमारी बढ़ती जा रही है उसके लिए आवश्यक है कि कुछ ठोस कदम उठाए जा सके। ऐसे में बच्चों को मां का दूध उपलब्ध कराने के लिए बीते मंगलवार को फोर्टिस लॉ फेमे अस्पताल ने दिल्ली और NCR का पहला मातृ मिल्क बैंक शुरू किया है। इस मिल्क बैंक को अमारा मिल्क बैंक का नाम दिया गया है। इस अस्पताल में नवजात शिशु और ऐसी महिलाएं जो स्तनपान नहीं करा पाती वे अपने बच्चों को दूध पिला सकेंगी। इस अस्पताल में महिलाएं दूध दान कर सकती है।
दूध दान करने के लिए महिलाओं को किसी प्रकार का टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं हैं क्यों प्रसव के दौरान महिलाओं की सभी बीमारियों की जांच हो जाती है। लेकिन ऐसी बहुत सी महिलाएं होती हैं जिनकी जांच नहीं हुई वह महिलाएं जांच के बाद ही दूध दान कर सकती हैं। जो महिलाएं स्तनपान करा सकती हैं वह यहां से दूध नहीं ले सकती हैं। इस दूध को -20 के तापमान पर रखना होता है जिससे की यह खराब नहीं होता और 3 महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
इस मिल्क बैंक में दूध को 135ml की बोतल में सुरक्षित रखा जाता है। इस बोतल से नवजात बच्चे की 3 से 4 दिन जरूरत पूरी हो जाएगी। इस 135ml बोतस की कीमत 200 रुपए हैं। आपको बता दें कि भारत में 1989 में पहला मातृ मिल्क बैंक खुला था। वर्तमान में देश में 20 मातृ मिल्क बैंक हैं।