नई दिल्ली: सुख और दुख का क्रम हर व्यक्ति के जीवन में लगातार बना रहता है। हर व्यक्ति के जीवन में लगातार सुख और दुख का दौर आता-जाता रहता है। वैसे कोई भी व्यक्ति यह कभी नहीं चाहता कि उसके जीवन में दुखों का दौर आए, लेकिन इसके बावजूद वह इन क्षणों से बच नहीं पाता। वह लाख कोशिश करता है लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है। धर्मनीती और कूटनीति के मर्मज्ञ आचार्य चाणक्य ने पूरी दुनिया को अपने ज्ञान से लाभान्वित किया है।
राजनीतिक गुणों को पुरोधा आचार्य ने इस दुविधा से निकलने का भी एक हल दुनिया को बताया है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक अगर आप कुछ चीजों को अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल करते हैं तो आप अपने कुछ दुखी क्षणों को खुद से दूर कर सकते हैं। आचार्य ने अपनी बात अपने एक श्लोक के जरिए समझाने की कोशिश की है।
दारिद्रयनाशनं दानं शीलं दुर्गतिनाशनम्।
अज्ञाननाशिनी प्रज्ञा भावना भयनाशिनी।।
इस श्लोक के जरिए आचार्य ने समझाने की कोशिश की है कि आप गरीबी से मुक्ति पाने और बुरा समय दूर करने के लिए आप कुछ कामों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। जानिए आचार्य ने किन कामों को करने की सलाह दी है।
गरीबी से पानी हो मुक्ति तो दान करें-
आचार्य चाणक्य का कहना था कि अगर आप गरीबी से मुक्ति पाना चाहते हैं तो इसके लिए दान करना सबसे अच्छा उपाय है। उनका मानना था कि व्यक्ति को अपनी शक्ति के मुताबिक समय-समय पर दान करते रहना चाहिए। चाणक्य ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और पुराने पाप धुल जाते हैं।
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