नयी दिल्ली: पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक के दौरान ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन तीन मई के बाद भी आगे बढ़ाने की राय दी और साथ ही सजग रुख के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया। नारायणसामी ने यह भी बताया कि बैठक में उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी कामगारों एवं छात्रों को वापस लाने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘ज्यादातर मुख्यमंत्रियों ने कहा कि लॉकडाउन बढ़ना चाहिए। साथ ही मुख्यमंत्रियों की यह राय थी कि कोरोना के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं, उसको देखते हुए लॉकडाउन हटाने में सजग रुख अपनाने की जरूरत है।’’
उनके अनुसार भाजपा शासित राज्यों के भी अधिकतर मुख्यमंत्रियों ने कहा कि लॉकडाउन जारी रहे और आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू हों। पुडुचेरी के मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के साथ-साथ सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कहा कि हमारा राज्य छोटा और उसके संसाधन सीमित हैं। हमारा राजस्व बंद हो गया है और हमारी अर्थव्यवस्था मुश्किल का सामना कर रही हैं। मैंने जीएसटी का बकाया राशि जारी करने का आग्रह किया।’’ नारायणसामी ने बताया, ‘‘मैंने यह भी कहा कि भारत सरकार को सभी राज्यों को बड़ी संख्या में जांच किट उपलब्ध कराना चाहिए।’’
नारायणसामी के मुताबिक उन्होंने कहा कि एमएसएमअई को बचाने के लिए सरकार को विशेष पैकेज देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न जगहों पर फंसे कामगारों और छात्रों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे कामगार और छात्र विदेश में फंसे हैं। उन्हें वापस लाने की व्यवस्था होनी चाहिए। हमारी मांग यह भी थी कि प्रवासी कामगारों के बारे में केंद्र को नीति बनानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्यों को वित्तीय पैकेज देने के संदर्भ में कुछ स्पष्ट नहीं किया। नारायणसामी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट से निपटने के संदर्भ में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ की तथा अपने संबोधन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का भी उल्लेख किया।
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