गुजरात सड़क परिवहन निगम के बाद 2 लाख से अधिक टीचर्स अवकाश पर
वेतन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर गुजरात राज्य पथ परिवहन निगम (जीएसआरटीसी) के कर्मचारियों के सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर चले जाने के एक दिन बाद राज्य में प्राथमिक स्कूल के सैकड़ों अध्यापक भी शुक्रवार को अवकाश पर चले गए।
गांधीनगर: वेतन में बढ़ोतरी की मांग को लेकर गुजरात राज्य पथ परिवहन निगम (जीएसआरटीसी) के कर्मचारियों के सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर चले जाने के एक दिन बाद राज्य में प्राथमिक स्कूल के सैकड़ों अध्यापक भी शुक्रवार को अवकाश पर चले गए। दो लाख से अधिक अध्यापक शुक्रवार को सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर चले गए और उन्होंने गुजरात विधानसभा के बाहर भी प्रदर्शन करने की कोशिश की। विधानसभा के सत्र का आज अंतिम दिन है।
अधिकारियों ने बताया कि अध्यापकों के आंदोलन के कारण शुक्रवार को राज्य के लगभग सभी प्राथमिक स्कूल बंद रहे। गांधीनगर रेंज के महानिरीक्षक मयंक सिंह चावड़ा ने कहा, ‘‘हमने करीब 250 अध्यापकों को हिरासत में लिया है और विधानसभा के बाहर के इलाके से अन्य अध्यापकों को हटाने की कोशिश की जा रही है।’’ उन्होंने आंदोलन कर रहे अध्यापकों के खिलाफ लाठीचार्ज की खबरों को नकार दिया और कहा कि उन्हें विधानसभा के निकट एक स्थान पर रोका गया और हिरासत में लिया गया।
विधानसभा परिसर में प्रवेश की कोशिश कर रहे कुछ अध्यापकों एवं पुलिसकर्मियों के बीच संघर्ष की भी खबरें मिली हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आंदोलन कर रहे जीएसआरटीसी के कर्मियों और प्राथमिक स्कूल अध्यापकों के साथ बात करने के लिए मंत्रियों की तीन सदस्यीय समिति के गठन की शुक्रवार को घोषणा की।
इस समिति में उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, राज्य के कृषि मंत्री आर सी फालदु और राज्य के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडसामा शामिल हैं। गुजरात राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह जडेजा ने कहा, ‘‘हमारी मुख्य मांगों में पुरानी पेंशन योजना को लागू करना, प्राथमिक शिक्षकों के लिए अलग वेतनमान, कम्प्यूटर परीक्षा पास करने की अनिवार्यता से छूट आदि शामिल है।’’ रूपाणी ने कहा, ‘‘मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे आंदोलन समाप्त करके वार्ता की मेज पर आएं। इससे राज्य के लोगों को असुविधा हो रही है।’’
इस बीच जीएसआरटीसी का आंदोलन शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा और परिवहन की 7000 बसें डिपो पर खड़ी रहीं। इस आंदोलन से आम जन को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं।